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नीट के मार्क्स से लगाएं अपनी ऑल इंडिया रैंकिंग का अंदाजा
बोकारो: सात मई 2017 को नीट टेस्ट हुआ. मेडिकल के लिए नीट का यह तीसरा आयोजन हुआ. इसका रिजल्ट आठ जून को संभावित है. परीक्षार्थियों के बीच अब यह चर्चा है कि उनके जितने संभावित अंक हैं, उसमें रैंकिंग क्या हो सकती है. इस रिपोर्ट में हम साल 2016 में नीट के अंक के आधार […]
बोकारो: सात मई 2017 को नीट टेस्ट हुआ. मेडिकल के लिए नीट का यह तीसरा आयोजन हुआ. इसका रिजल्ट आठ जून को संभावित है. परीक्षार्थियों के बीच अब यह चर्चा है कि उनके जितने संभावित अंक हैं, उसमें रैंकिंग क्या हो सकती है. इस रिपोर्ट में हम साल 2016 में नीट के अंक के आधार पर मिली रैंकिंग की जानकारी दे रहे हैं. इससे विद्यार्थी अंदाजा लगा सकेंगे कि इस वर्ष उन्हें क्या मिलेगा. साथ ही सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों की देश के शीर्ष 30 मेडिकल कॉलेजों में हुई काउंसिलिंग के पहले राउंड का स्टेटस और एसटी केटेगरी की शीर्ष 15 कॉलेजों में हुई काउंसिलिंग के पहले राउंड का स्टेटस दे रहे हैं. 2016 में दो राउंड की काउंसिलिंग हुई थी.
अभिभावकों के लिए नीट की 15 फीसदी आॅल इंडिया सीट अलॉटमेंट काउंसिलिंग को ठीक तरह से समझें. क्लोजिंग रैंक जानना जरूरी है. उससे ज्यादा जरूरी फर्स्ट राउंड कट ऑफ को समझना भी है. च्वाॅइस फिलिंग में इसकी अहम भूमिका रहती है.टॉप 100 कॉलेज जानना जरूरी है पर उससे भी ज्यादा जरूरी यह जानना है कि आपको क्या-क्या मिल सकता है. साथ ही उसमें आपके लिए उपयोगी क्या होगा.
हर विद्यार्थी जो नीट 15 फीसदी आॅल इंडिया कट ऑफ क्वालिफाइ करेगा, उसमें 25 फीसदी विद्यार्थियों को ही सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस मिलेगा.
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