इनमें ‘भारतीय संगीत-शास्त्र का दर्शनपरक अनुशीलन’, ‘निनाद’, ‘नूर रत्नाकर भाग-1’, ‘ख्याल घराना’, ‘जनरल ऑफ आइटीसी संगीत रिसर्च एकेडमी’, ‘एक्सपेरीमेंटल एनालिसिस ऑफ श्रुतिज फ्रॉम परफॉरमेन्सेज इन हिंन्दुस्तानी म्यूजिक’, ‘अमीर खुसरोज प्रोज राइटिंग ऑन म्यूजिक’, ‘हिन्दुस्तानी क्लासिकल म्यूजिक इन द लास्ट सेंचुरी’ शामिल हैं.
वर्ष 2016 में डॉ राकेश रंजन को सीसीआरटी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से जूनियर फेलोशिप के लिए चयनित किया गया. इसके तहत वह ‘बिहार की सांगीतिक परंपरा और कलाकारों के आर्थिक-सामाजिक स्थिति का विश्लेषणात्मक अध्ययन’ विषय पर शोध कर रहे हैं. इनके पिता डॉ अशोक कुमार ‘राकेश’ वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार हैं. वर्ष 2014 में डॉ राकेश रंजन की संगीत पर लिखी एक पुस्तक ‘गोपाल सिंह ”नेपाली” के गीतिकाव्य में संगीत तव’ का प्रकाशन ‘नेशनल बुक ट्रस्ट'(एऩबी़टी), नयी दिल्ली ने किया.