घटना के बाद दहशत के कारण किसनाथ राम का पूरा परिवार अपना 30 वर्षों का बसा-बसाया आशियाना छोड़कर हमेशा के लिये सिवान चला गया. अब किसनाथ राम का उक्त आशियाना खंडहर में तब्दील हो चुका है. फिलवक्त वहां आवारा कुत्तों व सियार का बसेरा है.
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डकैती और पुत्र की हत्या के बाद उजड़ गया 30 वर्षों का आशियाना
बोकारो: बिहार के जिला सीवान, थाना हसनपुरा, ग्राम पकड़ी निवासी बीएसएल कर्मी किसनाथ राम का परिवार झोंपड़ी बनाकर गत लगभग 30 वर्षों से शांति पूर्वक रह रहा था. सुकून के साथ जिंदगी व्यतीत कर रहे उक्त परिवार पर 11 अक्तूबर 2015 की रात अचानक दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. इस रात डकैतों ने उक्त आवास […]
बोकारो: बिहार के जिला सीवान, थाना हसनपुरा, ग्राम पकड़ी निवासी बीएसएल कर्मी किसनाथ राम का परिवार झोंपड़ी बनाकर गत लगभग 30 वर्षों से शांति पूर्वक रह रहा था. सुकून के साथ जिंदगी व्यतीत कर रहे उक्त परिवार पर 11 अक्तूबर 2015 की रात अचानक दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. इस रात डकैतों ने उक्त आवास पर हमला कर गृहस्वामी के पुत्र कलेक्टर राम की हत्या कर दी थी.
घटना के बाद दहशत के कारण किसनाथ राम का पूरा परिवार अपना 30 वर्षों का बसा-बसाया आशियाना छोड़कर हमेशा के लिये सिवान चला गया. अब किसनाथ राम का उक्त आशियाना खंडहर में तब्दील हो चुका है. फिलवक्त वहां आवारा कुत्तों व सियार का बसेरा है.
यथाशीघ्र मामले के उद्भेदन का पुलिस ने किया था दावा : घटना की सूचना पाकर स्थानीय सांसद पीएन सिंह भी मौके पर पहुंचे थे. स्थानीय एसपी व राज्य के डीजीपी से मोबाइल पर बात कर अपराधियों को यथाशीघ्र गिरफ्तार करने कि मांग की थी, लेकिन इस मामले में पुलिस को 11 माह की जांच के बाद भी कोई सफलता नहीं मिली. पुलिस ने खोजी कुत्ता, विधि-विज्ञान प्रयोगशाला की टीम व अन्य माध्यमों से घटना की जांच करायी. स्थानीय लोग जब इस मामले को लेकर आंदोलित हुए तो पुलिस ने यथाशीघ्र उद्भेदन कर देने का दावा किया था. लंबी जांच प्रक्रिया के बाद पुलिस ने घटना को सत्य व सूत्रहीन बताते हुए अदालत में आरोप पत्र दायर कर उक्त केस का फाइल बंद कर दिया.
कैसे हुई थी घटना
सेवानिवृत्त बीएसएल कर्मी किसनाथ राम के घर में पांच से छह की संख्या में आये अज्ञात अपराधियों ने धावा बोल दिया था. पिस्तौल व घातक हथियारों से लैस अपराधियों ने घर के लगभग आधा दर्जन सदस्यों को हथियार का भय दिखाकर अपने कब्जे में ले लिया. सभी अपराधी घर में डकैती करने की नियत से आये थे. इसका विरोध करने पर अपराधियों ने सबसे पहले किसनाथ राम के बड़े पुत्र कलेक्टर राम (37 वर्ष) की धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या कर दी. घटना के दौरान आवास के अलग-अलग कमरे में किसनाथ राम, कलेक्टर राम, कलेक्टर की पत्नी अमिता देवी, किसनाथ के छोटा पुत्र विश्वास कुमार, पोती निकिता कुमारी (सात वर्ष), निशा कुमारी (13 वर्ष) सोये हुये थे. किसनाथ राम का मंझला पुत्र भारतीय सेना में कार्यरत है. घटना के समय वह ड्यूटी पर था.
ज्यादा माल मिलने की संभावना पर आये थे डकैत : किसनाथ राम को छोड़कर घर के सभी सदस्यों को अपने कब्जे लेकर अपराधियों ने उक्त घटना को अंजाम दिया था. आवास में लगभग 10-15 मिनट तक तांडव मचाया था. कलेक्टर राम की रितुडीह मोड़ पर बेटल शॉप थी. अपराधी यह सोचकर घर में आये थे, कि दो वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हुये बीएसएल कर्मी की आवास में काफी जेवरात व नगदी हाथ लगेगा, लेकिन घर से सोना का एक मांगटीका, झुमका, चेन, चांदी की पायल, बरतन सेट व एक साधारण मोबाइल फोन हाथ लगा था.
घटना के दूसरे दिन सभी चले गये सीवान : किसनाथ राम द्वारा आवास से बाहर निकल कर शोर मचाने पर अपराधियों ने उनपर दो गोली भी फायर की थी. संयोगवश गोली नहीं लगी और वह जिंदा बच गये थे. किसनाथ राम के घर से बाहर निकल कर शोर मचाने के कारण ही सभी अपराधी मात्र 15 मिनट बाद घर के पिछला दरवाजा खोलकर जंगल-झाड़ियों का फायदा उठाकर भाग गये. घटना के दूसरे दिन किसनाथ राम व उनका पूरा परिवार एक वाहन से बेटे का अंतिम संस्कार करने सिवान चला गया. इसके बाद परिवार कभी वापस नहीं लौटा. केस के अनुसंधान के दौरान पुलिस अधिकारी किसनाथ राम के गांव गये. घटना के संबंध में सीवान में ही सभी परिवार का बयान दर्ज किया.
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