बोकारो: चैते में ई हाल बा, लागत बा जैसे जेठ के लहर बहत बा… अभिये ई हाल बा तs आगे का होई… कहने को बुधवार चैत मास का पहला दिन था, लेकिन जेठ की तरह लग रहा था. सूर्य की तपिश ऐसी मानो इस बार मौसम बदल नहीं रहा, बल्कि मौसम अपने असर को दुनिया पर थोप रहा हो. यही वजह है कि पारा हर दिन तेज रफ्तार से चढ़ रहा है. बुधवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री रिकॉर्ड किया गया.
तापमान ने किया हैरान : अचानक बढ़े तापमान ने लोगों को हैरान कर दिया है. दिनचर्या में लोगों ने परिवर्तन करना शुरू कर दिया है. 10 से 11 बजे तक रोजमर्रे का काम निबटा कर लोग घर में दुबक जा रहे हैं. फलत: दोपहर होते-होते सड़क सुनसान हो जाती है. मजबूरी में घर से निकलने के पहले लोग अच्छी-खासी तैयारी कर लेते हैं. महिलाएं हाथ में छाता व चेहरे पर स्कार्फ लगाये दिख रही हैं, तो पुरुष गमछा बांध कर ही घर से निकल रहे हैं. तैयारी ऐसी मानो घर से निकल कर युद्ध में जाना हो.
गरमी की दस्तक, बिजली छू मंतर : मौसम के असर दिखाते ही बिजली बाबू अपना रंग दिखाने लगे हैं. चास समेत ग्रामीण क्षेत्रों में घंटों बिजली की कटौती अभियान शुरू हो गया है. कहीं मेंटेनेंस के नाम पर तो कहीं लोड शेडिंग के नाम पर बिजली तार शोभा की वस्तु बन रहा है. चास में मंगलवार की एक बजे रात से बुधवार की शाम पांच बजे से आठ घंटे तक बिजली की लुकाछिपी चली. डुमरजोर फीडर की गड़बडी के कारण तलगड़िया मोड़, कालापत्थर, मामरकुदर समेत कई क्षेत्रों में बिजली रानी मंगलवार रात 11 बजे से बुधवार शाम पांच बजे तक 10 घंटा बिजली रूठती-इठलाती रही.