चंद्रपुरा : चंद्रपुरा थर्मल पुराने प्लांट की एक नंबर यूनिट की बंदी के बाद कोल मिल के मेंटेंनेंस कार्य में वर्षों से कार्यरत ठेका मजदूरों का भविष्य दांव पर है़ इस कार्य के लिए निविदा डालने की अंतिम तिथि सात फरवरी निर्धारित है़ इच्छुक ठेकेदरों या कंपनियों ने टेंडर डाल दिया तो कई मजदूर बेरोजगार होने से बच जायेंगे अन्यथा सभी 85 मजदूर एक साथ बेरोजगार हो जायेंगे. बतातें चलें कि कोल मिल का काम इस प्लांट में डेढ़ दशक से निविदा के तहत ही होता रहा है़ बताते चलें कि इस काम का टेंडर 16 फरवरी को समाप्त हो रहा है़
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सीटीपीएस : आज निविदा की अंतिम तिथि, 85 ठेका मजदूरों का भविष्य दावं पर
चंद्रपुरा : चंद्रपुरा थर्मल पुराने प्लांट की एक नंबर यूनिट की बंदी के बाद कोल मिल के मेंटेंनेंस कार्य में वर्षों से कार्यरत ठेका मजदूरों का भविष्य दांव पर है़ इस कार्य के लिए निविदा डालने की अंतिम तिथि सात फरवरी निर्धारित है़ इच्छुक ठेकेदरों या कंपनियों ने टेंडर डाल दिया तो कई मजदूर बेरोजगार […]
कंपनियों की दिलचस्पी पर टिकी निगाह : इधर, प्लांट की एक नंबर यूनिट को रिटायर घोषित होने के बाद प्रबंधन ने नये इस्टीमेट के तहत जो टेंडर हाल में निकाला है उसमें श्रम शक्ति को कम किया गया है़ 85 मजदूरों की जगह मात्र 46 मजदूर की जरूरत बतायी गयी है़ यही कारण है कि कोई भी ठेकेदार व कंपनियां काम लेने को आगे नहीं आ रहे. सूचना तो यह भी है कि प्रबंधन के अधिकारी कई ठेकेदारों व कंपनियों से काम लेने को कह रहे है़ं मगर मजदूरों की छंटनी के कारण कोई भी रिस्क उठाना नहीं चाहता़ सूत्रों का कहना है कि सात फरवरी को यदि निविदा नहीं डाली
गयी तो प्रबंधन तीन चार दिनों का विस्तार दे सकता है. उसके बाद भी निविदा नहीं आयी तो टेंडर को
कैंसिल करने के अलावे कोई विकल्प नहीं बचेगा.
प्रबंधन सोच रहा विकल्प : बताते हैं कि प्रबंधन टेंडर नहीं होने की स्थिति में कोल मिल को अपने कर्मियों व सप्लाई मजदूरों से चला सकता है. इसके लिए सप्लाई मजदूर व कर्मियों को भी दूसरे विभाग से कोल मिल विभाग में लाने की तैयारी हो चुकी है़ इधर, कोल मिल में कार्यरत मजदूरों के नेता करमचंद हांसदा ने कहा कि ठेका मजदूरों को यदि हटाया गया तो प्लांट में आंदोलन चलाया जायेगा़ उन्होंने कहा कि मजदूरों को हटाने की यह एक साजिश है.
कंपनी मिल को बंद नहीं होने देगी : शाह
इधर, परियोजना प्रमुख बीएन शाह ने बताया कि प्लांट की एक यूनिट के बंद होने पर स्वाभाविक तौर पर मिल में कार्यरत मजदूरों की संख्या घट सकती है. समय सीमा खत्म हो जाने पर निविदा नहीं डाली गयी तो कंपनी मिल तो बंद नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि प्रबंधन इसे अपने स्तर से चालू रखने का प्रयास कर सकता है.
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