बोकारो: झारखंड उच्च न्यायालय ने हाल में एक आदेश जारी कर सड़क जाम करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उच्च न्यायालय ने इससे राज्य मुख्यालय को अवगत करा दिया है. राज्य मुख्यालय ने सभी एसपी को सड़क जाम करने वाले संगठन व राजनीतिक दलों के नेता व कार्यकर्ताओं पर तुरंत एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया है. आदेश के बाद भी जिले में सड़क जाम करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई पुलिस नहीं कर रही है.
सड़क जाम सस्ता आंदोलन : इन दिनों छोटी-मोटी बातों पर भी लोग सड़क जाम कर आम लोगों को परेशान कर रहे हैं. पुलिस ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने के बजाय मान-मनौवल कर रही है. पुलिस की कार्रवाई से आम लोगों के बीच यह धारणा बन गयी है. सड़क जाम आंदोलन का एक सस्ता व सुलभ साधन है.
एडमिट कार्ड व गिरफ्तारी के लिये भी जाम : अभी हाल में ही चास ब्लॉक के पास छात्रों ने एडमिट कार्ड नहीं मिलने पर आक्रोशित हो राष्ट्रीय उच्च पथ घंटों जाम कर दिया. बेरमो के गांधी नगर थाना क्षेत्र में भी एक व्यवसायी के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग पर लोगों ने सड़क जाम कर दिया. इलेक्ट्रोस्टील कंपनी के पास हजारों लोगों ने नियोजन आदि की मांग को लेकर चार-पांच दिनों तक आंदोलन के जरिये सड़क जाम रखा. इलेक्ट्रोस्टील के अधिकारी व कर्मचारियों ने भी राष्ट्रीय उच्च पथ जाम किया. अदालती आदेश के बाद भी सड़क जाम करने वालों के खिलाफ पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया.
दबाव के कारण नहीं हो रही कार्रवाई : चास में आये दिन लोग बिजली-पानी की समस्या को लेकर सड़क जाम करते हैं. इन सभी मामलों में पुलिस गैर कानूनी काम करने वाले लोगों को समझाने-बुझाने में लगी रहती है. इस कारण आम लोगों को बेवजह घंटों सड़क जाम में फंसना पड़ता है. स्थानीय पुलिस राजनीतिक दबाव के कारण ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने से परहेज करती है. राजनीतिक दलों के प्रभाव के कारण उच्च न्यायालय के आदेश का पालन कराने से पुलिस कतरा रही है.