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नौ लाख रुपये खर्च करने के बाद भी नहीं मिला पानी
चास: कुमडी के लोग एक दशक से पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं. समस्या से निजात दिलाने के लिए यहां वित्तीय वर्ष 2011-12 में ग्रामीण जलापूर्ति योजना शुरू की गयी. योजना पूरी हो गयी, लेकिन इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है. पांच वर्ष बीतने को है, लेकिन इस योजना के तहत लगे मोटर […]
चास: कुमडी के लोग एक दशक से पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं. समस्या से निजात दिलाने के लिए यहां वित्तीय वर्ष 2011-12 में ग्रामीण जलापूर्ति योजना शुरू की गयी. योजना पूरी हो गयी, लेकिन इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है. पांच वर्ष बीतने को है, लेकिन इस योजना के तहत लगे मोटर में बिजली का कनेक्शन नहीं किया गया है.
बोकारो के निवर्तमान विधायक समरेश सिंह की अनुशंसा पर पीएचइडी की ओर से करीब नौ लाख रुपये की लागत से कुमडी में ग्रामीण जलापूर्ति योजना का कार्य शुरू किया गया था. इस योजना के तहत घर-घर में पेयजल आपूर्ति करने के लिए पाइप लाइन का विस्तार भी किया गया. हालांकि, ग्रामीणों के अनुसार प्राक्कलन के अनुसार पाइप लाइन का विस्तार नहीं किया गया है. सिर्फ खानापूर्ति की गयी. कुमडी गांव का जलस्तर काफी नीचे है. इसके कारण फरवरी माह से ही तालाब, कुआं व चापाकल सूखने लगते है. इस गांव के अलावा आसपास के एक दर्जन से अधिक गांवों को ड्राइ जोन घोषित किया गया है.
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