बोकारो: प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय बबीता प्रसाद की अदालत ने बलात्कार के दो अलग-अलग मामलों मे दो मुजरिमों को सात-सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा दी है. मुजरिमों को 500-500 रुपया जुर्माना भी किया गया.
जुर्माना नहीं देने की सूरत में 10 दिन का अतिरिक्त सश्रम कारावास होगा. सजा पाये मुजरिमों में चंदनकियारी के अमलाबाद, तलगड़िया चौक निवासी सिद्धेश्वर महतो व माराफारी थाना क्षेत्र के आजाद नगर निवासी जितू कुमार शामिल हैं. अदालत में मौजूद साक्ष्य व गवाहों के बयानों का अवलोकन करने के उपरांत न्यायाधीश ने मुजरिमों को विगत 29 जनवरी को दोषी पाया था. दोनों मामले में सरकार की तरफ से अपर लोक अभियोजक राकेश कुमार राय ने पीड़िता का पक्ष रखा.
पहला मामला सेशन ट्रायल संख्या 368/12 व चंदनकियारी थाना कांड संख्या 82/12 के तहत चल रहा था. घटना 05 जून 2012 की है. युवती शाम के समय अपने आवास में अकेली थी. इसी दौरान गांव का युवक सिद्धेश्वर महतो घर में प्रवेश कर गया. दुष्कर्म के दौरान ही युवती की माता आ गयी. मां-बेटी ने मिल कर युवक को पकड़ कर एक कमरे में बंद कर दिया. पीड़िता की माता आस-पड़ोस के लोगों को बुलाने गयी. इसी बीच दुष्कर्मी युवक घर से भागने में सफल हो गया.
झांसा देकर नाबालिग से किया था दुष्कर्म : दूसरा मामला सेशन ट्रायल संख्या 200/13 व माराफारी थाना कांड संख्या 20/13 के तहत चल रहा है. माराफारी के आजाद नगर निवासी जितू कुमार ने शाम को अपने पड़ोस की ही एक 16 वर्षीय बालिका के घर फोन किया. फोन बालिका की माता ने उठाया. जितू ने बताया कि बालिका के शिक्षक ट्यूशन पढ़ाने के लिये बुला रहे हैं. फोन के बाद माता ने पुत्री को ट्यूशन भेज दिया. बालिका घर से बाहर निकली तो जितू के एक दोस्त ने शिक्षक के पास ले जाने की बात कह टेंपो में बैठा लिया. रेलवे स्टेशन ले जाकर बालिका को जितू के हवाले कर दिया. इसके बाद जितू रेलवे स्टेशन के एक सुनसान स्थान पर ले जाकर डरा-धमका कर बालिका से बलात्कार किया. घर आकर बालिका ने घटना की जानकारी अपनी माता को दी. इसके बाद एफआइआर स्थानीय थाना में दर्ज कराया गया.