बोकारो: वज्रपात, अगलगी, सूखा, भूकंप प्राकृतिक आपदाएं मानव गतिविधियों को प्रभावित करती हैं. मानव दुर्बलताएं, उचित योजना और आपातकालीन प्रबंधन का अभाव और संकट और बढ़ा देता है. जिस वजह से आर्थिक, मानवीय और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है.
डीडीएमए (डिस्ट्रीक डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) के अनुसार बोकारो में वज्रपात, आग लगना एक बड़ी समस्या है, जिसमें हर साल दर्जनों लोग व जानवरों की जान चली जाती है. बोकारो में बड़े पावर प्लांट व स्टील प्लांट होने की वजह से यहां इंडस्ट्रीयल डिजास्टर की भी संभावना बनी रहती है. बोकारो के सीसीएल में ओपन कास्ट माइनिंग व बेरमो में अवैध उत्खनन से भी डिजास्टर का खतरा बना रहता है. हालांकि बोकारो जिला प्रशासन ने ऐसी परिस्थिति के लिए तैयारी की है.
क्या है तैयारी
पिछले वर्ष 2012 में 2बीएनआरएफ द्वारा प्राकृतिक आपदा से निबटने के लिए जिले के सभी विभागों के तकनीकी व नन तकनीकी अधिकारियों व कर्मियों को ट्रेनिंग दी गयी थी. जिले में आपदा प्रबंधन के लिए खास योजना बनाने का निर्णय लिया गया.
आपदा प्रबंधन योजना
जिला प्रशासन द्वारा इस विशेष योजना में पंचायत व आम जनता को जिले के सभी विभाग – प्रशासनिक, हॉस्पिटल, डॉक्टर, अगिAशमन, ब्लड बैंक, जेसीबी, फायर फाइटिंग इक्यूप्मेंट एवं अन्य सभी फोन नंबर को उपलब्ध करना है, जिससे आपदा प्रबंधन में ज्यादा से ज्यादा लोगों को राहत पहुंचायी जा सके. जिला, अनुमंडल व प्रखंड स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिये युवाओं को तकनीकी ट्रेनिंग देने की योजना बनायी जा रही है.