बालीडीह: अखिलेश पिछले दो माह से यहां अपने मौसा के घर रह कर बीजीएच में ठेका मजदूर के रूप में वार्ड ब्वाॅय का काम करता था़ उसकी जेब से मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि उसने कोई चोरी नहीं की है. पुलिस ने उसे बेवजह मारा. वार्ड ब्वाॅय की नौकरी के लिए उसने ठेकेदार को 80 हजार रुपये दिये थे. नौकरी छूटने के कारण वह आत्महत्या कर रहा है. उसने अपनी मौत का जिम्मेवार एसआइएसपी को बताया है.
मां ने कहा- बेटे को काम दिलाने के लिए ठेकेदार को दिये थे 80 हजार रुपये
अखिलेश मूल रूप से जक्खी बिगहा, थाना डेहरी ऑन सोन, वार्ड संख्या 25 का रहने वाला था़ उसके पिता का नाम दिनेश प्रसाद सिंह है. उसकी मां कमला देवी ने बताया कि अखिलेश को बीजीएच में नौकरी दिलाने के लिए 80 हजार रुपये ठेकेदार को दिये थे. गुरुवार की रात भतीजा पिंटू ने फोन पर अखिलेश के नहीं मिलने की बात कही थी.
वह शुक्रवार को बोकारो पहुंची. यहां बेटे की मौत हो जाने का पता चला. अखिलेश के मौसा शंकर सिंह ने बताया कि अखिलेश बुधवार को घर से काम पर निकला था. गुरुवार को भी नहीं लौटा तो बेटे को उसकी खबर लेने बीजीएच भेजा़ खबर मिली कि चोरी के आरोप में वह सीआइएसएफ के कब्जे में है. उसे सजा देकर कुछ देर बाद छोड़ दिया जायेगा. दिन के करीब बारह बजे फोन पर उसे छोड़ देने की बात कही गयी. लेकिन शाम तक वह घर नहीं लौटा. आज जीआरपी ने फोन पर उसकी मौत की सूचना दी.