मोबाइल टावर व िरयल एस्टेट में िनवेश नाम पर करता था ठगी
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अंतरप्रांतीय ठग गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार
मोबाइल टावर व िरयल एस्टेट में िनवेश नाम पर करता था ठगी साइबर तकनीक, वेबसाइट की तड़क-भड़क से लगाया है सैकड़ों लोगों को चूना इंफ्रा टावर लििमटेड नामक कंपनी चलाते थे गिरोह का मास्टरमाइंड कोलकाता का है बापी दा बोकारो : जमीन पर मोबाइल टावर लगवाने और व्यावसायिक जमीन का प्रोजेक्ट दिखाकर सैकड़ों लोगों से […]
साइबर तकनीक, वेबसाइट की तड़क-भड़क से लगाया है सैकड़ों लोगों को चूना
इंफ्रा टावर लििमटेड नामक कंपनी चलाते थे
गिरोह का मास्टरमाइंड कोलकाता का है बापी दा
बोकारो : जमीन पर मोबाइल टावर लगवाने और व्यावसायिक जमीन का प्रोजेक्ट दिखाकर सैकड़ों लोगों से ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने मंगलवार को पकड़ा है. बोकारो एसपी वाइएस रमेश के निर्देश पर गठित टास्क फोर्स टीम ने चास थाना क्षेत्र के चीरा चास स्थित लक्ष्मी नारायण अपार्टमेंट में छापामारी कर दोनों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार संजय कुमार सिंह व रवि शंकर कुमार सहोदर भाई हैं और बिहार के जिला नालंदा, थाना हरनौत, ग्राम तेलैया के रहने वाले हैं.
दोनों ने चीरा चास स्थित लक्ष्मी नारायण अपार्टमेंट के प्लॉट संख्या 08 में किराये पर प्लॉट ले रखा था. गिरोह का मास्टरमाइंड कोलकाता के सॉल्ट लेक, सेक्टर 5, कॉलेज मोड़ निवासी बापी दादा है, जो फिलहाल पुलिस गिरफ्त से बाहर है. बोकारो पुलिस ने कोलकाता पुलिस से संपर्क किया है.
अंतरप्रांतीय ठग
गिरफ्तार दोनों भाई के पास से पुलिस ने विभिन्न व्यक्तियों के नाम से जारी कई बैंकों के चेक बुक, लीज एग्रीमेंट, फर्जी वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, लैपटॉप, मोबाइल, कार व अन्य कागजात बरामद किये है.
ऐसे करते थे ठगी : एसपी वाइएस रमेश ने कैंप दो स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकारों को बताया कि दोनों भाई ने नॉर्थ इंफ्राटेल लिमिटेड नामक फर्जी कंपनी बनाकर (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू, इंफ्राटावर, कॉम) एक वेबसाइट बनायी. इस वेबसाइट के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्से में लोगों को अपनी जमीन पर मोबाइल टावर लगवाने व व्यावसायिक जमीन का प्रोजेक्ट दिखाकर ठगी करते थे. फर्जी प्रोजेक्ट दिखा कर ये लोग फर्जी कंपनी के नाम पर खोले गये बैंक खाता में लोगों से पैसा मंगवाते थे.
गिरफतार साइबर अपराधी के साथ एसपी व अन्य पुलिस अधिकारी.
गिरोह के उद्भेदन में शामिल थे ये अधिकारी : गिरोह के उद्भेदन के लिए एसपी ने तेज तर्रार पुलिस अधिकारियों की टीम बनायी थी. इसमें चास एसडीपीओ अरविंद कुमार सिन्हा, चास इंस्पेक्टर सह थानेदार कमल किशोर, चंद्रपुरा थानेदार द्वारिका राम, चास थाना के दारोगा चंद्रभान राम व चास थाना के जमादार राधेश्याम पांडेय शामिल थे.
बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों में बनाया सैकड़ों लोगों को शिकार
दो वर्ष में यह गिरोह झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि राज्यों में सैकड़ों लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं. जैसे ही कोई व्यक्ति गुगल पर टावर या जमीन टाइप करता था, सबसे पहले इनकी फर्जी वेबसाइट ही दिखती थी. पकड़ाये दोनों अपराधी शातिर साइबर अपराधी हैं. इनकी गिरफ्तारी के बाद चास थाना के इंस्पेक्टर सह थानेदार कमल किशोर ने अपने बयान पर कांड अंकित किया है. दोनों को न्यायिक हिरासत में मंगलवार को चास जेल भेज दिया गया.
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