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जाली नोट के धंधेबाज दोषी करार

कोर्ट. नोट तिगुना करने के नाम पर ठगी करने वालों में एक सिपाही भी था शामिल रुपया तिगुना करने का झांसा देकर लोगों से ठगी करने के मामले में मंगलवार को तीन अभियुक्तों को अदालत ने दोषी करार दिया है. बोकारो : प्रधान जिला न्यायाधीश संजय प्रसाद की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. दाेषी […]

कोर्ट. नोट तिगुना करने के नाम पर ठगी करने वालों में एक सिपाही भी था शामिल

रुपया तिगुना करने का झांसा देकर लोगों से ठगी करने के मामले में मंगलवार को तीन अभियुक्तों को अदालत ने दोषी करार दिया है.
बोकारो : प्रधान जिला न्यायाधीश संजय प्रसाद की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. दाेषी करार दिये गये लोगों में हजारीबाग के थाना इचाक ग्राम बरांव निवासी झारखंड पुलिस के सिपाही अर्जुन प्रसाद मेहता, चास की राम नगर कॉलोनी के निवासी शेर सिंह उर्फ राहुल कुमार और सेक्टर एक बी, आवास संख्या 314 निवासी विजेंद्र सिंह उर्फ विजय कुमार शामिल हैं. न्यायालय में यह मामला सेशन ट्रायल संख्या 26/13 व बीएस सिटी थाना कांड संख्या 218/09 के तहत चल रहा है. सरकार की तरफ से इस मामले में लोक अभियोजक प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने अदालत में साक्ष्य व गवाह पेश किया.
सजा के बिंदुओं पर पांच जुलाई को फैसला सुनाया जायेगा. प्राथमिकी सेक्टर 12 थाना के तत्कालीन इंस्पेक्टर राकेश मिंज ने दर्ज करायी है. घटना 24 अगस्त 2009 की है.
क्या है मामला : पुलिस को मिली गुप्त सूचना के अनुसार कुछ लोग गिरोह बनाकर नोट तिगुना करने का झांसा देकर स्थानीय लोगों से ठगी कर रहे हैं. ठगी करने वाला गिरोह भोले-भाले लोगों से रुपया लेकर असली जैसा दिखने वाला तिगुना जाली नोट देकर ठगी कर रहा था. इसकी सूचना पाकर पुलिस ने ग्राहक बन कर गिरोह के एक सदस्य को फोन किया. ठग गिरोह के सदस्य को फोन पर बताया गया कि 25 हजार रुपया तिगुना करना है. ठग ने रुपया तिगुना करने के लिए नया मोड़ बुलाया. सादे लिबास में पुलिस
ग्राहक बन कर नया मोड़ स्थित पहलवान चाय दुकान पर पहुंची. कुछ देर के बाद ठग गिरोह का एक युवक आया. रुपया तिगुना करने की बात सुन वह सादे लिबास में मौजूद पुलिस कर्मी को को-ऑपरेटिव कॉलोनी के पास ले गया.
मौके पर पुलिस बल ने सादे लिबास में घेराबंदी की थी. गिरोह के दोनों सदस्यों अर्जुन प्रसाद मेहता व शेर सिंह को पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ कर पूछताछ की.
ऐसे लोगों को शिकार बनाता था गिरोह
ठग गिरोह के गिरफ्तार सदस्यों ने पुलिस को बताया कि उन लोगों के साथ गिरोह में झारखंड पुलिस का सिपाही व तत्कालीन विधायक इजराइल अंसारी का हाउस गार्ड अर्जुन मेहता भी शामिल है. गिरोह के सदस्यों से असली रुपया लेकर कुछ नकली रुपया दिखा कर एक सदस्य गारंटर के रूप में वहीं खड़ा रहता था, जबकि दूसरा सदस्य रुपया लेकर असली जैसा दिखने वाले नकली नोट लाने को चला जाता था. मौके से हटा गिरोह का दूसरा सदस्य सिपाही को फोन कर घटना की जानकारी देता था. कुछ ही देर में सिपाही पूरी वरदी में पुलिस लिखी बाइक से आता था और गारंटर बने गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार करने का नाटक कर अपने साथ लेकर चला जाता था. इसके बाद गिरोह के तीनों सदस्य आपस में रुपया बांट लेते थे. पुलिस ने इस मामले में उसी दिन सिपाही को नया मोड़ स्थित कैनरा बैंक के पास से गिरफ्तार किया था.

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