इंजीनियर से हॉलीवुड तक का सफर
धनबाद : आइबीएम में नौकरी के दौरान प्रशांत ने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन एक्टर बनेंगे. चूंकि उनका जिम व क्लबों में जाना होता था. वहां ऐसे लोगों से जान-पहचान हुई, जो बॉलीवुड से संबंध रखते थे. इनमें लीड कैरेक्टर करने वाले कलाकार भी थे. उनसे होने वाली बातचीत और चमक-दमक देख प्रशांत ने एक्टर बनने की सोची. वह कहते हैं, ‘नाम कमाने व कुछ बेहतर करने का सोच एक्टिंग की तरफ खींच लाया. पर सोचने भर से कुछ नहीं होता है. स्किल का होना जरूरी है, क्योंकि बिना स्किल डेवलपमेंट के बेहतर नहीं किया जा सकता है.’
फिल्म के सीक्वल में मिला ब्रेक
निभाया है टूरिस्ट का किरदार
मई में रिलीज होगी फिल्म
धनबाद :न्यूयॉर्क शहर के मिडटाउन मैनहटन का टाइम्स स्क्वायर. यहां का तापमान शून्य से फाइव डिग्री नीचे है. सर्द हवा बह रही है. हाड. कंपाती ठंड से बचने के लिए शरीर पर कोई गरम कपड़ानहीं है. सर्द मौसम में एक टूरिस्ट स्पाइडरमैन (एंड्रयू गेरफिल्ड) व इलेक्ट्रो (जैमी फॉक्स, ऑस्कर विजेता कलाकार) के बीच हो रही लडई में फंस जाता है. दोनों की लड़ाई देर तक चलती है. हॉलीवुड की फिल्म ‘दी अमेजिंग स्पाइडर-मैन टू’ के इस दृश्य में टूरिस्ट का किरदार स्टील नगरी बोकारो निवासी प्रशांत राय ने निभाया है. फिल्म ‘दी अमेजिंग स्पाइडर-मैन’ का सीक्वल है. इससे पूर्व वर्ष 2012 में बनी ‘दी अमेजिंग स्पाइडर-मैन’ में बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान ने रजित राठा का किरदार निभाया था. अबकी प्रशांत की बारी थी. वह नामी-गिरामी सितारों से सजी फिल्म में भले ही छोटी-सी भूमिका में हैं, लेकिन उनका किरदार किसी चैलेंज से कम नहीं था. प्रशांत ने इसके लिए कडी मेहनत की. 15 दिनों तक 150 घंटे विपरीत परिस्थितियों में काम किया. रात-रात भर जाग कर काम करते. एक समय ऐसा भी आया, बिना ब्रेक लिये पांच दिनों तक लगातार शूट किया. फिर भी वह नॉर्मल थे. फिल्म के पोस्ट प्रोडक्शन का कार्य चल रहा है. यह अगले वर्ष मई में रिलीज होगी. लॉन्ग आइलैंड स्थित गोल्ड कोस्ट स्टूडियो तथा टाइम्स स्क्वायर में अपने हिस्से का सीन शूट करके इंडिया लौटे प्रशांत राय कहते हैं, ‘ऐसे कोई बड़ा नहीं हो जाता है. रोल छोटा, किंतु उपलब्धि बड़ी कह सकते हैं. बिना किसी कनेक्शन के हॉलीवुड में छलांग बड़ा बात है,’ वह सवालिया लहजे में कहते हैं, ‘बॉलीवुड के दो बडे. स्थापित चेहरे अभिताभ बान व अनिल कपूर वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद भी हॉलीवुड में क्या कर पाये? दरअसल यहां खुद का स्किल डेवलप करने पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता है, जितना पैसा कमाने पर.’