बोकारो: तीन साल से लागतार अपने लक्ष्य को पूरा न कर पाने वाली बीएसएल इस बार साल के शुरुआत से ही अपना पूरा दम-खम लगा रही है. इसके बीएसएल के सीइओ अनुतोष मैत्र ने एक नया तरीका ढ़ूढ़ा है. वो लगातार बैठक कर रहे हैं और अपने अधिकारियों में नयी जान फूंकने की कोशिश कर रहे हैं.
बैठकों में श्री मैत्र अधिकारियों का हौसला बढ़ाते नजर आते हैं. सारे कर्मियों और अधिकारियों से सुझाव मांग रहे हैं. नये आइडयाज बना कर अपने सहकर्मियों के साथ साझा कर रहे हैं.
इस काम में उनका साथ बीएसएल के सभी विभागों के आला अधिकारी दे रहे हैं. तीन साल के वित्तीय वर्ष के उत्पादन पर अगर नजर डाले तो बीएसएल लगातार पिछड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. 2010-11 वित्त वर्ष में उत्पादन लक्ष्य था 3.42 एमटी और उत्पादन हुआ करीब 3.90 एमटी. 2011-12 में बीएसएल एक बार फिर से उत्पादन के लक्ष्य से पिछड़ गया 3.93 एमटी के लक्ष्य के मुकाबले कंपनी सिर्फ 3.32 एमटी ही उत्पादन कर पायी. वहीं 2012-13 में 3.72 एमटी लक्ष्य निर्धारित था और उत्पादन हुआ 3.33 एमटी. अब नये साल में सेल ने बीएसएल का लक्ष्य 3.74 एमटी रखा है जबकि बीएसएल की उत्पादन क्षमता करीब 3.78 एमटी है. इसे पूरा करने में श्री मैत्र जुटे हैं.