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स्वास्थ्य विभाग : आश्वासन में गुजर गया पूरा साल

बोकारो: बोकारो जिला स्वास्थ्य विभाग वर्ष 2015 में कुछ नया नहीं कर सका. चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी का रोना लगा रहा. अनुबंध पर बहाल स्वास्थ्य कर्मियों ने अपने नियोजन को नियमित करने को लेकर दो बार हड़ताल की. अभी भी हड़ताल जारी है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल में बर्न यूनिट, […]

बोकारो: बोकारो जिला स्वास्थ्य विभाग वर्ष 2015 में कुछ नया नहीं कर सका. चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी का रोना लगा रहा. अनुबंध पर बहाल स्वास्थ्य कर्मियों ने अपने नियोजन को नियमित करने को लेकर दो बार हड़ताल की. अभी भी हड़ताल जारी है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल में बर्न यूनिट, ब्लड बैंक, वेंटीलेटर विभाग, सिटी स्कैन व एमआरआई विभाग, एनसीडी में स्पेशल यूनिट सहित कई विभाग खोलने की घोषणा की गयी थी. पिछले कई वर्षों से तैयार एएनएम प्रशिक्षण महाविद्यालय भी शुरू नहीं हो सका.

परेशान रहा मलेरिया विभाग : डेढ़ माह पूर्व कसमार व गोमिया प्रखंड के ग्रामीणों में बुखार फैलने से मलेरिया विभाग परेशान रहा. यहां तक कि तक बुखार ग्रस्त क्षेत्र में तत्कालीन डीसी मनोज कुमार स्वास्थ्य विभाग के साथ पहुंचे. स्लाइड जांच करवाने के साथ स्वास्थ्य शिविर भी लगवाये गये. मलेरिया पदाधिकारी डॉ एके पोद्दार ने लगातार इन क्षेत्रों पर नजर रखा. वर्ष 2015 जाते-जाते चंदनकियारी के लंका गांव में 36 लोग डायरिया की चपेट में आ गये. गांव में स्वास्थ्य विभाग का कैंप लगा हुआ है. इस वर्ष बोकारो में तीन सिविल सर्जन का कार्यकाल रहा. डॉ एसबीपी सिंह, डॉ रूबी लकड़ा और वर्तमान में डॉ जेसी दास सीएस हैं. सिविल सर्जन डॉ जेसी दास ने लगातार औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिश की. कई स्वास्थ्य कर्मियों को शो-कॉज किया, तो अनुपस्थिति के कारण कई के वेतन रुके.

चार स्वास्थ्यकर्मी बर्खास्त

दिसंबर माह में नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज (एनसीडी) द्वारा चलाये जाने वाले स्वास्थ्य शिविर, परिवार नियोजन अभियान को झटका लगा. स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल में चले जाने के कारण दोनों अभियान फेल हो गये. इन दोनों अभियान को स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल के कारण सफलता नहीं मिली.

गलत नियोजन पर भी कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग में फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले के खिलाफ भी अभियान चल रहा है. तत्कालीन डीसी उमाशंकर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग में फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ वर्ष 2015 में कार्रवाई की शुरू की थी. इसमें चार लोगों की सेवा समाप्त हुई. साथ ही स्वास्थ्य विभाग में फर्जी प्रमाण पत्र पर नियोजन हासिल करने वाले चार और स्वास्थ्य कर्मियों को बर्खास्त करते हुए उन पर एफआइआर भी दर्ज कराने का आदेश दिया गया.

मंत्री की घोषणाओं पर भी अमल नहीं

स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी तीन माह पूर्व बोकारो आये थे. सदर अस्पताल का भ्रमण कर कई निर्देश भी दिया था. इसमें इलाजरत मरीजों व प्रसव कराने वाली महिलाओं को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराने की बात कही थी. यह व्यवस्था आज तक लागू नहीं हुई. इतना जरूर हुआ कि जरूरत पड़ने पर डीएस डॉ अर्जुन प्रसाद, पदस्थापित चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों ने मरीजों को अपने पैसे से भोजन उपलब्ध कराया.

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