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जिंदा है तो अंकित दीजिए और मर गया तो शव

बोकारो: मुङो किसी भी हाल में अंकित चाहिए. जिंदा है तो अंकित दीजिए और मर गया है तो उसका शव दीजिए. इसके बाद ही पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा होगा. यह कहना है अंकित के पिता अमलेश कुमार सिंह का. उन्होंने कहा : अपराधियों के बयान पर प्रेस वार्ता आयोजित कर पुलिस घटना के उद्भेदन […]

बोकारो: मुङो किसी भी हाल में अंकित चाहिए. जिंदा है तो अंकित दीजिए और मर गया है तो उसका शव दीजिए. इसके बाद ही पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा होगा. यह कहना है अंकित के पिता अमलेश कुमार सिंह का. उन्होंने कहा : अपराधियों के बयान पर प्रेस वार्ता आयोजित कर पुलिस घटना के उद्भेदन का दावा कर रही है. पुलिस ने सभी बिंदुओं पर ठीक से जांच नहीं की. बार-बार अपराधी अपना बयान बदल रहे हैं. घटना की सूचना पाकर अंकित की माता का रो-रो कर हालत खराब हो गयी है. अपराधी अभी तक चार बार अपना बयान बदल चुके हैं. इसके बाद भी पुलिस उनकी बात को सत्य मान कर अंकित का शव बरामद किये बिना उसे मृत मान रही है.

कैसे बदला बयान
अंकित के पिता का कहना है की गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस को सबसे पहले बताया : बरही के होटल में जब सभी नाश्ता कर रहे थे, तो अंकित अचानक भाग गया. दूसरा बयान : कार में अंकित का गला दबा कर हत्या कर शव को रास्ते में सड़क किनारे फेंक दिया. तीसरा बयान : पेशाब करने के बहाने अंकित को रास्ते में उतारा. सड़क किनारे सुनसान स्थान पर गमछी से गला दबा कर हत्या कर शव को वहीं छोड़ दिया. चौथा बयान : गया निवासी अमित नामक युवक के पास है, अंकित वहां से बरामद हो जायेगा. अंकित के पिता ने बताया पुलिस गया भी गयी थी, लेकिन ठीक से छानबीन किये बगैर अपराधी की निशानदेही पर एक दूसरे व्यक्ति के आवास में छापामारी की औपचारिकता पूरी कर वापस लौट आयी.

केस को जल्द बंद करने के लिए कर दिया उद्भेदन
केस बंद करने के उद्देश्य से प्रेस सम्मेलन कर मामले का उद्भेदन कर दिया. पुलिस ने उनके साथ अन्याय किया है. वह न्याय के लिए जनता की अदालत मे जायेंगे. अंकित को बरामद कराने के लिए हाइकोर्ट व पुलिस के वरीय अधिकारी व मुख्यमंत्री तक गुहार लगायेंगे. अंकित के सिवा उनके जीवन में अब कोई नहीं है. पिता ने कहा जिंदा रहते हुए भी उनकी जिंदगी अंकित के बीना अधूरी है. अमलेश ने यह भी बताया की अंकित की सकुशल बरामदगी के लिए उन्होंने पांच लाख रुपया अपराधियों को भी दिया. अपराधियों के कहे अनुसार, पटना जाने वाली ट्रेन से हैंड बैग में रुपया लेकर गये थे.

न्याय का हर दरवाजा खटखटायेंगे परिजन
मसौढी के पास तरेगना हॉल्ट के पास अपहर्ताओं का फोन आया. लग रहा था अपहर्ता ट्रेन में ही हैं. उन्होंने रुपया से भरा बैग तरेगना स्टेशन के पास खिड़की से बाहर फेंकने को कहा. पांच लाख रुपया वाला बैग ट्रेन से बाहर फेंक दिया. अपहर्ताओं ने रुपया मिलने की बात भी फोन पर बतायी. अपहर्ताओं ने यह भी कहा था की अंकित दूसरे दिन 12 बजे तक घर पहुंच जायेगा, लेकिन रुपया लेने के बाद भी अपहर्ताओं ने उसे नहीं छोड़ा. पुलिस द्वारा बरामद किया गया रुपया उन्हीं के द्वारा दिया गया था. गिरफ्तार सभी अपराधी अंकित के अपहरण में शामिल हैं. पुलिस मामले का उद्भेदन जल्दी करने के फिराक में अंकित को बरामद नहीं कर सकी है. अंकित को बरामद नहीं किया गया, तो पति-पत्नी न्याय का हर दरवाजा खटखटायेंगे.

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