बोकारो: भाषा समाज की आत्मा है. संस्कृति उसका मेरूदंड है. हमारा राज्य एक सांस्कृतिक मूलक राज्य है. इसमें हमलोग एकता, अखंडता व प्रकृति प्रेम को महत्व देते हैं. हमारे लोगों में एकजुटता लाने के लिए संस्कृति व भाषा की भूमिका महत्वपूर्ण है. झारखंड के 12 साल के सफर में काफी ऐसे कार्य हैं, जो होने बाकी है. हमलोग सड़क, बिजली व अन्य सुविधाओं के विकास को विकास समझते हैं.
जबकि मूलत: मानव की सभ्यता-संस्कृति, आचार-व्यवहार में विकास लाना ही सही विकास है. हम आदिवासी समाज संथाल परगना व छोटानागपुर प्रमंडल में विपरीत परिस्थितियों में रहते हुए भी अपनी संस्कृति को बचाने में सफल हुए हैं. यह बातें राज्य की शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने कही. वह सेक्टर चार स्थित संगीत कला अकादमी में रविवार को आयोजित भगवान बिरसा मुंडा जयंती समारोह समिति के बैनर तले बिरसा मुंडा की जयंती सह झारखंड स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थी. कार्यक्रम की अध्यक्षता धान सिंह मुंडारी व देवश्री टोप्पो ने की.
अतिथियों का स्वागत झारखंड की परंपरा लोटा पानी से किया गया. मौके पर डीइओ राजीव लोचन, डीएसइ पीवी शाही, एस खाखा, योगो पूर्ति, मीना बाखला, पूजा कुमारी, प्रेरणा हेंब्रम, सुनील टुडू, महेश कुमार, राम दयाल सिंह, देवानंद, गणो मुमरू, एतवा उरावं, रामकिशुन उरांव, काशीनाथ केवट, राज कुमार गोराई, जीवन जगन्नाथ, रसिक राय, अजहर अंसारी आदि मौजूद थे.