बोकारो: जिला परिषद की बैठक में गुरुवार को सिवाय जनप्रतिनिधि और अधिकारियों को नये वाहन मिलने वाले प्रस्ताव को पारित होने के सिवा कुछ नहीं हुआ. तय हुआ कि जिप अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (डीडीसी) और जिला अभियंता को अब नया वाहन मिलेगा.
वाहन के लिए नहीं समझी सरकार से मार्गदर्शन की जरूरत : ऐसे कई काम जिसका सरोकार सीधा जनता से है, उसके लिए सरकार से मार्गदर्शन मांगा जाता है. पत्रचार में ही इतना वक्त निकल जाता है कि मुद्दा ठंडे बस्ते में चला जाता है. जिला परिषद के अभिलेख के मुताबिक चार वाहन खरीदने के लिए सरकारी मदद नहीं ली जा सकती है.
अगर वाहन खरीदा गया तो सारा खर्च जिला परिषद के आंतरिक संसाधन वाले मद से होगा. रख-रखाव, ईंधन, ड्राइवर आदि सारे खर्चो का बोझ जिप उठायेगी. फिर भी यह प्रस्ताव बिना किसी सरकारी मार्ग दर्शन के पारित हो गया. अधिकारियों की गलती पर, अपनी बात नहीं सुने जाने पर हो हंगामा करने वाले सदस्यों ने भी इस प्रस्ताव के पारित हो जाने पर किसी तरह की आपत्ति नहीं जतायी.