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अतिक्रमण के कारण नहीं बन पा रहे अधिकारियों के आवास
चार करोड़ 17 लाख की लागत से बनने हैं न्यायिक पदाधिकारियों के आवास बसंत मधुकर बोकारो : कैंप दो में भूमि के अतिक्रमण के कारण न्यायिक पदाधिकारियों के आवास का निर्माण नहीं हो पा रहा है. उक्त आवासों को बनाने की जिम्मेदारी भवन प्रमंडल बोकारो की है. एक वर्ष पूर्व इसका टेंडर भी हो चुका […]
चार करोड़ 17 लाख की लागत से बनने हैं न्यायिक पदाधिकारियों के आवास
बसंत मधुकर
बोकारो : कैंप दो में भूमि के अतिक्रमण के कारण न्यायिक पदाधिकारियों के आवास का निर्माण नहीं हो पा रहा है. उक्त आवासों को बनाने की जिम्मेदारी भवन प्रमंडल बोकारो की है. एक वर्ष पूर्व इसका टेंडर भी हो चुका है. टेंडर होने के बाद ठेकेदार जब निर्माण स्थल पर पहुंचा तो उसे पूरी जमीन अतिक्रमित मिली. इसकी जानकारी भवन प्रमंडल विभाग को भी दी गयी, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटवा सका है.
एसी भी अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए दे चुके हैं निर्देश : भवन प्रमंडल द्वारा अतिक्रमित भूमि को मुक्त कराने के लिए डीसी को लिखा गया. जिला के अपर समाहर्ता ने चास के अनुमंडलाधिकारी को भी उक्त जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन फायदा नहीं हुआ.
मई 2014 में शुरू हुई थी टेंडर की प्रक्रिया
आवास निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया 23 मई 2014 को हुई थी, जबकि एग्रीमेंट तीन सितंबर 2014 को हुआ. ठेकेदार तब से भवन निर्माण के लिए भूमि नहीं मिलने के कारण डीसी कार्यालय का चक्कर लगा रहा है.
डी टाइप के तीन ब्लॉक का करना है निर्माण
कैंप दो व सेक्टर वन के बीच स्थित जमीन पर चार करोड़ 17 लाख रुपये की लागत से डी टाइप के तीन ब्लॉक का निर्माण करना है. जिप ब्लॉक में 18 आवासीय खंड होंगे. उक्त सभी आवास बोकारो के न्यायिक पदाधिकारियों के लिए बनाये जा रहे हैं.
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