बोकारो: बीएसएल में काम करने वाले अधिकारियों के लिए बने बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन के चुनाव में भी खूब जोर-आजमाइश का अब फैशन हो चला है. पुराने-नये कई चेहरे फिर से एक बार आमने-सामने हैं. ऑफिस में अपनी लॉबिंग के अलावा कई तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं. पुराने तरीकों के अलावा नये तरह की लड़ाई के मूड में अधिकारी नजर आ रहे हैं.
फिलहाल, चुनाव से पहले मैदान में उतरे दोनों पक्ष अधिकारियों के लिए बन रही सोसाइटी को हॉट केक बनाये हुए हैं. दूसरे मामलों में प्रेस से बचने वाले अधिकारी मीडिया के सामने आ कर बयान जारी कर रहे हैं, तो दूसरा पक्ष उस बयान को खारिज करने में लगा है. वहीं, कुछ अधिकारी इसे चुनावी स्टंट मान रहे हैं.
बीएसओए का चुनाव अब पहले जैसा नहीं रहा. पहले अधिकारियों को प्रबंधन से मिलने वाले फायदों के लिए आंदोलन की बात होती थी. वोट इस बात को देख कर दिया जाता था कि जीते हुए उम्मीदवार ने अधिकारियों के हक के लिए कितनी बार आवाज बुलंद की. पर अब राजनीति संगीन मामलों में उलझाने की हो रही है. एसोसिएशन की पूरी चुनावी लड़ाई अधिकारियों के लिए बनाये जा रहे आवास सोसाइटी पर आ कर केंद्रित हो गयी है. सोसाइटी के सदस्य एक तरफ जहां सोसाइटी के अध्यक्ष सह बीएसओए के महासचिव एके सिंह के साथ हर विवाद पर खड़े दिख रहे हैं, तो दूसरा गुट कानूनी दावं-पेच के कटघरे में सोसाइटी को लाकर खड़ा करने की जद्दोजहद कर रहा है.