बोकारो: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस्पात बाजार की मंदी के बावजूद अगस्त 2013 के महीने में 10.86 लाख टन इस्पात उत्पादों की बिक्री करते हुए 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. पिछले वर्ष की इसी अवधि में 9.38 लाख टन इस्पात उत्पादों का विक्रय हुआ था. विक्रय में बढ़ोत्तरी मुख्य रूप से फ्लैट उत्पादों के विक्रय के बढ़ने से हुई. इनकी बिक्री 26 प्रतिशत बढ़ी, जबकि लांग उत्पादों के विक्रय में तीन प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली.
अगस्त 2013 में खुदरा विक्रय 53800 टन रहा, जो माह दर माह के आधार 62 प्रतिशत अधिक रहा. डॉलर की बढ़ती कीमत का लाभ उठाने के लिए किये गये प्रयासों के परिणामस्वरूप 31,000 टन के स्तर तक के निर्यात में सफलता मिली है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 36 प्रतिशत अधिक है. अप्रैल से अगस्त, 2013 के पांच महीनों के दौरान सकल इस्पात विक्रय 47.8 लाख टन रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले सात प्रतिशत अधिक है.
28 पुरस्कारों में से 18 पुरस्कार सेल को
विक्रय में बढ़ोत्तरी सेल कार्मिकों के उद्यमी प्रयासों का परिणाम है. हाल ही में सेल कार्मिकों ने अपनी क्षमता को विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार और प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार के जरिये साबित किया है. वर्ष 2011 के लिए घोषित किये गये विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कारों में, सेल ने कुल 28 पुरस्कारों में से 18 पुरस्कार जीते, जो कुल पुरस्कारों का 64 प्रतिशत है और किसी भी सार्वजनिक उपक्रम द्वारा जीते गये पुरस्कारों में अधिकतम पुरस्कार संख्या है.
विश्वकर्मा पुरस्कार विजेताओं में भी वर्चस्व: कुल 116 विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं में से 76 प्रतिशत अकेले सेल से हैं. इस महीने के शुरू में घोषित किये गये प्रधानमंत्री श्रम अवार्ड 2012 में सार्वजनिक उपक्रमों को प्रदान किये गये 16 पुरस्कारों में से, सेल ने छह पुरस्कार जीते हैं. कुल प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कारों विजेताओं में से आधे सेल से हैं.