बोकारो/चास: चंदनकियारी प्रखंड में एक बड़ी हेरा-फेरी की चर्चा हो रही है. हालांकि कोई भी अधिकारी इस बाबत बात करने को तैयार नहीं है. चंदनकियारी प्रखंड के 2012-13 वर्ष के एमडीएम (मध्याह्न् भोजन) के 600 क्विंटल चावल का हिसाब नहीं मिल रहा है. माना जा रहा है कि बिचौलियों की मदद और विभाग की अनदेखी के कारण 600 बोरी चावल बाजार में बेच दी गयी.
यह चावल चंदनकियारी के ब्लॉक परिसर में रखी गयी थी. वहीं से पूरे प्रखंड में चावल वितरण होता था. साल के आखिरी में जब सारे स्कूलों से हिसाब मांगा गया, तो हिसाब में 600 बोरी का कोई जिक्र ही नहीं है. विभाग मामले की जांच की गंभीरता का हवाला देते हुए जानकारी नहीं दे रहा है. कहा जा रहा है कि दो-तीन में सारा मामला साफ हो जायेगा. अमूमन बाजार में यह चावल 20 रुपये बिक जाता है. ऐसे में 600 क्विंटल चावल की कीमत करीब 12 लाख के आस-पास आंकी जा रही है.
बोकारो में छात्रवृत्ति घोटाला के बाद इसे और बड़े घोटाला के रूप में देखा जा रहा है. 20 अप्रैल को डीएसइ बोकारो ने चंदनकियारी जा कर इस मामले की जांच भी की थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसी के गोपनीय शाखा को इसकी जानकारी दे दी गयी है. विभाग ने अपील की है कि मामले की जांच डीसी अपने स्तर से करा लें.