2013 में पूरी नहीं होगी चास जलापूर्ति योजना
चास : इस वर्ष भी चास जलापूर्ति योजना का लाभ मिलने वाला नहीं है. जबकि योजना का काम करने वाली कंपनी ने 30 जुलाई तक काम पूरा कर लेने का समय निर्धारित किया था. इसकी लिखित जानकारी चास नगर परिषद व पीएचइडी को दी गयी है. फिलहाल इस योजना का काम सिर्फ 65 फीसदी ही पूरा हो पाया है. योजना का काम काफी धीमी गति से चल रहा है.
इसे देखते हुए संवेदक विश्वा कंपनी ने अब हर हाल में फरवरी 2014 में काम पूरा कर लेने का आश्वासन दिया है. हालांकि काम में तेजी नहीं आ पा रहा है. यह योजना करीब चार दशक से अधर में है. इस योजना को पूरा कराने को लेकर जन प्रतिनिधियों की सक्रियता भी नहीं दिखती है. योजना के नाम पर सिर्फ राजनीति की गयी.
92 में 72 किमी ही पाइप लाइन का विस्तार : चास नगर परिषद क्षेत्र में सफलतापूर्वक पेयजल आपूर्ति करने के लिए 92 किमी पाइप लाइन बिछाने का काम होना है. लेकिन अभी तक सिर्फ 72 किमी ही पाइप लाइन का विस्तार हो पाया है. चास नगर परिषद क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक वार्ड क्षेत्र में पाइप लाइन का विस्तार होना बाकी है.
35 वर्ष पुरानी है योजना : चास जलापूर्ति योजना का काम 35 वर्ष पुरानी है. 1978 में सात करोड़ की लागत से इस योजना को पूरा करने की मंजूरी दी गयी थी. समय गुजरता गया और प्राक्कलन राशि बढ़ती गयी. झारखंड बनने के आठ वर्ष बाद प्राक्कलित राशि बढ़ा कर 50 करोड़ कर दी गयी और योजना को 2010 तक पूरा करने का निर्देश दिया गया. सरकार की ओर से 20 करोड़ रुपये आवंटित किये गये.
योजना का काम शुरू तो हुआ, लेकिन बीच में फंड के अभाव में एक वर्ष तक काम बंद रहा. इसके बाद सरकार ने दूसरी किस्त में एकमुश्त बाकी राशि आवंटित कर दी. इसके बाद योजना का काम शुरू तो हुआ, लेकिन धीमी गति से ही चल रहा है. अभी तक संवेदक की ओर से 35 करोड़ रुपये का काम पूरा किया गया है.
जिला स्तर पर नहीं हो रही समीक्षा : चास जलापूर्ति योजना को लेकर जिला प्रशासन के स्तर पर बीते छह माह से कोई समीक्षा बैठक नहीं की गयी है. इसके कारण भी काम धीमी गति से चल रहा है. बताते चलें कि पूर्व उपायुक्त सुनील कुमार के कार्यकाल में हर माह समीक्षा बैठक की जाती था. जरूरत पड़ने पर वह स्वयं स्थल जांच करने पहुंचते थे.
– राजूनंदन –