बोकारो: संभावना के विपरीत फिर वही हुआ जो हर बार होता है. बीएसएल सहित सेल कर्मियों के वेज रिवीजन को लेकर सोमवार को नयी दिल्ली में हुई एनजेसीएस की 272वीं बैठक बेनतीजा रही. यूनियन 21.5 प्रतिशत एमजीबी की डिमांड पर अड़ी रही. सेल प्रबंधन 14 प्रतिशत एमजीबी के प्रस्ताव से आगे नहीं बढ़ा. बैठक हंगामेदार रही. दिन भर बकझक होती रही. अंतत: कोई सहमति नहीं बनी. सेल प्रबंधन ने यूनियन की डिमांड पर विचार करने के लिए 15-20 दिन का समय मांगा. सुबह 11 बजे से शुरू हुई.
बैठक के शुरू होते ही यूनियन ने 21.5 प्रतिशत एमजीबी की डिमांड की. प्रबंधन की ओर से 14 प्रतिशत एमजीबी का प्रस्ताव दिया गया. प्रबंधन ने पिछली बैठक में भी यही प्रस्ताव दिया था. इस कारण यूनियन नेता सेल प्रबंधन के प्रस्ताव पर भड़क गये. नेताओं ने प्रबंधन के प्रस्ताव का जोरदार विरोध किया. अंत में प्रबंधन की ओर से समय मांगा गया.
ये थे उपस्थित : सेल की ओर से डायरेक्टर फाइनांस, डायरेक्टर पर्सनल, डायरेक्टर प्रोजेक्ट, बीएसएल के सीइओ अनुतोष मैत्र, विशाखापट्टनम के डायरेक्टर-पर्सनल, सभी प्लांट के अधिशासी निदेशक व यूनियन की ओर से इंटक के संजीवा रेड्डी व बीरेंद्र चौबे, एटक के गया सिंह व अनिरुद्ध, एचएमएस के राजेंद्रों सिंघा व राजेंद्र सिंह, सीटू के पीके दास व तपन सेन उपस्थित थे. बैठक में सेल अध्यक्ष शामिल नहीं हुए.
अगस्त में होगा रिवीजन!
अब कर्मियों का रिवीजन अगस्त में ही होने की संभावना है. कारण, सेल प्रबंधन ने 15-20 का समय मांगा है. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अगली एनजेसीएस की बैठक में रिवीजन पर चर्चा होगी, लेकिन बैठक की तिथि निर्धारित नहीं की गयी.