बोकारो: यह कुछ केस है जो दर्शाते है कि हॉस्टल में रहने वाले छात्रों पर पढ़ाई को लेकर बढ़ रहा अत्यधिक दबाव खतरनाक साबित हो सकता है. इस प्रकार के कई मामले इन दिनों शहर के चिकित्सकों के पास पहुंच रहे है.
परीक्षाओं के दिनों में बच्चों पर बनाया जा रहा अत्यधिक दबाव खतरनाक साबित हो रहा है. बताया जा रहा है कि माता-पिता अपनी अधूरी इच्छाओं को बच्चों के माध्यम से पूरी करना चाहते है. अभिभावक यह भूल जाते है कि उनके बच्चे की क्षमता क्या है. हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों के पास समय का अभाव रहता है.
स्कूल व ट्यूशन-कोचिंग के बाद जो समय बचता है, उसी में उनको सेल्फ स्टडी करनी पड़ती है. इसका समय होता है देर रात व अहले सुबह. हॉस्टल के विद्यार्थी देर रात तक प्रतिदिन पढ़ते हैं. कुछ विद्यार्थी सुबह उठ कर एक -दो घंटे पढ़ते हैं. इस कारण कई बार विद्यार्थियों की सेहत पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. हॉस्टल के विद्यार्थी को चाहिए कि वह सेहत का ध्यान रखते हुए देर रात व अहले सुबह की पढाई करे.