बोकारो: सेक्टर चार थाना पुलिस ने सिटी सेंटर स्थित क्लासिक होटल में छापेमारी कर खुद को बोकारो का सहायक उत्पाद आयुक्त बताने वाले आनंद अवन उर्फ मुकुल सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया है. आनंद अवन नौजवानों को उत्पाद विभाग में आरक्षी की नौकरी दिलाने के नाम पर रकम वसूलता था. इसका खुलासा तब हुआ जब बोकारो एसपी कुलदीप द्विवेदी की सूचना पर सेक्टर-4 थाना ने सिटी सेंटर के क्लासिक होटल में छापेमारी की.
पुलिस को सबसे पहले उस समय शक हुआ, जब होटल के बाहर जेएच10टी0430 नंबर की बोलेरो (झारखंड सरकार का बोर्ड लगा) वाहन मिला. पुलिस की भनक फर्जी अधिकारी को भी मिल चुकी थी. वह भागने की फिराक में था. पुलिस ने जब गाड़ी और आनंद की तालाशी ली, तो कई चौकाने वाले खुलासे हुए. फर्जी अधिकारी को पकड़ने वाले सेक्टर-4 के थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह भी हैरत में पड़ गये. उसके पास से कई फर्जी कागजात मिले. पुलिस ने बताया कि रांची के एक थाने में इसी मामले में किसी गुमनाम के नाम पर मामला दर्ज है.
नियुक्ति से लेकर तबादले तक के थे कागजात : फर्जी अधिकारी के पास अपने-आप को सही साबित करने वाले सारे कागजात थे. बिहार सरकार की सरकारी फर्जी चिट्ठी, जिसके आधार पर वह सहायक आयुक्त बना.
झारखंड सरकार उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव सत्येंद्र कुमार सिंह के फर्जी हस्ताक्षर और ठीक सरकारी विभाग की भाषा में बोकारो सहायक उत्पाद आयुक्त के पद पर पदस्थापन की फर्जी चिट्ठी. हजारीबाग, बोकारो, चतरा, धनबाद और कई जिलों के उत्पाद विभाग के मुहर. 70 लोगों की बहाली करने के लिए फार्म. नियुक्ति पत्र. मेडिकल सर्टिफिकेट, इंटरव्यू लेटर, प्रशिक्षण पत्र आदि. इतने सारे फर्जी कागजात मिलने के बाद भी फर्जी अधिकारी अपने आप को बेकसूर बता रहा था. उसका कहना था कि उसे फंसाया जा रहा है. उसने मास्टर माइंड शेखपुरा के लोजपा नेता रंजीत कुमार पासवान को बताया. कहा : उसी ने सारी चिट्ठी उसे दी है और वो जैसा कहता था वैसा ही मैं करता था.
सभी जानते थे कि सहायक उत्पाद आयुक्त ही है आनंद ग्राम रजवा, थाना अस्थावा और जिला नालंदा का रहने वाले फर्जी अधिकारी का कहना है कि उसके पिता वायुदेव नारायण जेलर थे. उन्होंने हजारीबाग, चतरा और धनबाद जैसे जेलों में अपनी सेवा दी है. पुलिस ने जब उसके वर्तमान आवास भिस्ती पाड़ा, धनबाद में उसकी पत्नी से उसके बारे में पूछा तो उसने कहा कि मुङो ही नहीं बल्कि पूरे परिवार को यही पता है कि वो सहायक उत्पाद आयुक्त हैं. यहां तक कि अपनी भगिनी की शादी के लिए तैयार किये गये बायोडाटा में भी इस बात का जिक्र है कि मामा उत्पाद विभाग के अधिकारी हैं.