बोकारो: मैथिली रचनाकारों की सशक्त संस्था ‘साहित्यलोक’ की मासिक रचना गोष्ठी बुधवार की शाम साहित्यकार कुमार मनीष अरविंद के सेक्टर 5 स्थित आवास में हुई. साहित्यलोक के महासचिव गिरिजा नंद झा ‘अर्धनारीश्वर’ की अध्यक्षता व महाकवि दया कान्त झा के काव्यमय संचालन में आयोजित इस गोष्ठी की शुरुआत वरिष्ठ गीतकार विनय कुमार मिश्र की सरस्वती वंदना से हुई.
वरिष्ठ साहित्यकार विजय शंकर मल्लिक ने अपनी मैथिली रचना ‘आचार विचारक तहस नहस सं, उपजि गेल अछि ई विकार’ में ज्वलंत सामाजिक समस्याओं को रेखांकित किया. शिक्षक व युवा कवि अमन कुमार झा ने ‘मंथन’ शीर्षक कविता में रोचक ढंग से सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार किया.
युवा कवि राजीव कंठ ने कविता ‘अपने आ’ जनता’ में नेता व जनता की वास्तविक स्थिति का चित्रण प्रस्तुत किया. कवि डॉ नरेंद्र कुमार राय ने अपनी भोजपुरी कविता ‘तू के ह?’ में नक्सलियों द्वारा किये जा रहे निंदनीय कार्यो पर सशक्त ढंग से प्रहार कर भरपूर प्रशंसा पायी. शिक्षक व यशस्वी कवि संतोष कुमार झा ने ‘प्रवाह’ व ‘न्यूनतम स्तर’ शीर्षक कविताओं में भेड़चाल वाली प्रवृत्ति व वर्तमान सामाजिक परिवेश को उजागर किया. महाकवि दयाकान्त झा ने ‘गाड़ि देलक झंडा धनपतिया’ शीर्षक कविता में समाज के वंचित वर्ग के नायक के उत्थान को रेखांकित किया.
बैंक ऑफ इंडिया के आंचलिक प्रबंधक शिशिर चंद्र मिश्र ने हिंदी में लिखे अपने लेख ‘कृष्ण का अभाव’ का पाठ किया. इसमें समाज को नेतृत्व प्रदान करने वाले योग्य लोगों की कमी को दर्शाया गया. ख्याति प्राप्त साहित्यकार व बोकारो वन प्रमंडल पदाधिकारी कुमार मनीष अरविंद ने अपनी कविता ‘युद्घ/धर्मयुद्घ’ में ऐतिहासिक व वर्तमान प्रसंगों के साथ युद्घ के प्रकार व अनिवार्यता को बहुत ही सशक्त ढंग से रखा. युवा कवि व गायक अरुण पाठक ने मैथिली में प्रणय गीत सुना कर सबको आनंदित किया.
अध्यक्षीय रचना पाठ करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार गिरिजा नंद झा ‘अर्धनारीश्वर’ ने मैथिली में अपने आलेख ‘सामाजिक सरोकारक खगौट’ का पाठ कर बदलते दौर में मनुष्य के घटते सामाजिक सरोकार पर प्रहार किया. समाज व सामाजिकता के अवमूल्यन के प्रति लोगों को आगाह किया. धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ शिक्षाविद् व साहित्यलोक के संस्थापक महासचिव तुला नंद मिश्र ने किया.