चंदनकियारी: जम्मू कश्मीर में बाढ़ से हुई भीषण तबाही से लोगों को बचाने में चंदनकियारी के एक जवान की जान चली गयी. चंदनकियारी प्रखंड के आड़िता गांव निवासी कयूम अंसारी व जुबेदा बीबी का पुत्र शफीक अंसारी वर्ष 2008 में आर्मी में बहाल हुआ था.
पिछले साल जम्मू कश्मीर में पदस्थापना हुई थी. पदस्थापना के बाद वह एक बार घर आया था. दूसरी बार तिरंगे में लिपटा हुआ उसका पार्थिव शरीर घर पहुंचा. शव देख पूरा गांव गमगीन हो गया़ हर किसी की आंखों में आंसू थे.
बीमारी से हुई जवान की मौत : जम्मू कश्मीर राहत कार्य के दौरान शफीक को नौ सितंबर को बुखार आया. उसे तत्काल कश्मीर के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां स्थिति नियंत्रण में न देख उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनके परिजनों को सूचना दी गयी. इलाज के दौरान 16 सितंबर को जवान की मौत हो गयी. इसके बाद जवान को दिल्ली से रांची तक हवाई मार्ग से लाया गया. इसके बाद रांची से रामगढ़ स्थित सिख रेजीमेंट तक सड़क मार्ग से लाया गया. वहां से शफीक के पार्थिव शरीर को पैतृक गांव तक सिख रेजीमेंट के जवानों द्वारा लाया गया. गांव में लिखित तौर पर शव को परिजनों को सौंपा गया.
सिख रेजीमेंट के जवानों ने दी अंतिम सलामी : सिख रेजीमेंट के जवानों ने अपने कंधों से राष्ट्रीय सम्मान के साथ वीर जवान के शव को कब्रिस्तान तक ले जाकर वहां शफिक को अंतिम सलामी दी. मौके पर भाजपा नेता अमर कुमारी बाउरी भी मौजूद थे. भाजपा के वरीय नेता समरेश सिंह ने परिजनों को ढाढ़स बंधाया.