बोकारो : मैंने जो भी रजिस्ट्री किया है, उसमें किसी भी प्रकार की ठगी नहीं की है. शंभूनाथ तिवारी द्वारा दिये गये आवेदन के आधार पर रजिस्ट्रार बोकारो द्वारा मुझे झूठे केस में फंसाने का काम किया जा रहा है. उक्त बातें धनंजय प्रसाद फौलाद ने शुक्रवार की शाम में प्रेस वार्ता आयोजित कर कही. कहा : मैं पेशा से बिल्डर हूं व कई केवाला डीड मेरे द्वारा किया गया. कुछ डीड में टाइपिंग मिस्टेक हो गया था.
जब टाइपिंग मिस्टेक के बारे में जानकारी मिली, तो 27 जून 2019 को ही मैंने रजिस्ट्रार, बोकारो को आवेदन देकर उसे सुधारने का आग्रह किया था, जिसका प्राप्ति पत्र मेरे पास है. अगर मैं गलत रहता तो सुधार के लिए आवेदन नहीं देता. मैंने जिन-जिन लोगों को केवाला डीड लिखा हूं, उन्हें अभी तक किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं हुई है. वहीं आर्यभट्ट सोसाइटी के शंभूनाथ तिवारी व उनके जमीन दलाल साथियों द्वारा षड्यंत्र करके मुझे फंसाने तथा बदनाम करने की साजिश किया गया है.
मैने सीएंडटी एक्ट का उल्लंघन भी नहीं किया है. वन विभाग की भूमि कब्जा करने का मामला भी नहीं है. तत्कालीन अंचलाधिकारी ने पंत्रांक 1712 दिनांक 23 अगस्त 2018 में स्पष्ट रूप से कहा है कि वन विभाग ने 4.76 एकड़ से अधिक भूमि 7.42 घेर लिया है. उसके बाद भी मैंने वन अधसूचित क्षेत्र से बाहर कब्जा रखा है. भूमि को जान-बूझकर विवादित बनाया जा रहा है.