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कई थानाें में सुविधाएं नाकाफी, मुंशी के कार्यालय में रखे जाते हैं अभियुक्त

अजय सिंह, बोकारो : बोकारो के चहुंमुखी विकास के लिए इसे धनबाद से काटकर अलग जिला बनाया गया था. इसके बाद भी जिले के आम लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने वाले बोकारो व चंदनकियारी क्षेत्र के चार थाना व पांच ओपी के पास मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. कई थानों में हाजत तक नहीं है, […]

अजय सिंह, बोकारो : बोकारो के चहुंमुखी विकास के लिए इसे धनबाद से काटकर अलग जिला बनाया गया था. इसके बाद भी जिले के आम लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने वाले बोकारो व चंदनकियारी क्षेत्र के चार थाना व पांच ओपी के पास मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. कई थानों में हाजत तक नहीं है, अभियुक्तों व अपराधियों को मुंशी के कार्यालय तक में रखा जाता है. इन क्षेत्रों से राज्य व केंद्र में कई नेता चुनाव जीतकर मंत्री भी बने, लेकिन थाना की स्थिति सुधारने पर कोई पहल नहीं की गयी.

बीएसएल के सेक्टरों में संचालित थाना के भवन निर्माण के लिए जिले के पूर्व एसपी वाइएस रमेश ने पहल की थी. माराफारी, ट्रैफिक, सेक्टर 12 व सेक्टर छह थाना के लिए भूमि भी चिह्नित कर लिया गया, लेकिन बीएसएल से उक्त भूमि पर अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण थाना भवन नहीं बन सका.
बीएसएल के आवास में संचालित थाना में नहीं है हाजत
बोकारो इस्पात प्रबंधन के आवास में संचालित केवल माराफारी थाना छोड़कर किसी भी थाना के पास हाजत की व्यवस्था नहीं है. हाजत के अभाव में पुलिस अपराधियों को पकड़ कर मुंशी के कार्यालय या थाना के कार्यालय में रखती हैं.
इस कारण थाना की गोपनीय सूचनाएं लीक भी होती है. शहर के प्रमुख सेक्टर चार थाना में भी हाजत की व्यवस्था नहीं है. यहां भी थाना कार्यालय के कंप्यूटर रूम में अभियुक्तों को को रखा जाता है. इस कारण लगभग छह माह पहले एक शातिर अपराधी पुलिस कर्मियों को चकमा देकर भाग चुका है.
बीएसएल के आवास में है कई थाना
बोकारो के विभिन्न सेक्टरों में कार्यरत माराफारी, ट्रैफिक, सेक्टर 12 व सेक्टर छह थाना के पास अपना भवन नहीं है. उक्त थाना बीएसएल के आवास में कार्यरत है. उक्त आवास की मरम्मत बीएसएल द्वारा नहीं करायी जाती है. सेक्टर 12 थाना लगभग दो वर्ष पूर्व तक सेक्टर 12 के एक बीएसएल के आवास में संचालित होता था. उक्त आवास की स्थिति काफी जर्जर हो गयी थी.
भवन की खतरनाक स्थिति देखकर पुलिस कर्मियों ने खुद से उक्त आवास को छोड़ दिया और सेक्टर 12 के बंद पड़े बीएसएल के मध्य विद्यालय के भवन में थाना शिफ्ट कर दिया गया. बीएसएल का आवास होने के कारण झारखंड सरकार भी अपने फंड से भवन की मरम्मत नहीं करा पाता है. इस कारण विभिन्न सेक्टरों में कार्यरत थाना भवन की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है. कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
70 हजार आबादी को सुरक्षा दे रहा है बरमसिया ओपी
लगभग 70 हजार आबादी की सुरक्षा की जिम्मेदारी बरमसिया ओपी पर है. 1954 में इस ओपी की स्थापना की गयी थी. स्थापना काल से ही यह ओपी आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. किराये के मकान में चलने वाले बरमसिया ओपी के पास पानी की भी सुविधा नहीं है. भवन की जर्जर स्थिति के कारण थाना के कर्मचारी दहशत में काम कर रहे हैं.
चीरा चास व बालीडीह ओपी किराये के मकान में
औद्योगिक बालीडीह ओपी की स्थापना संयंत्र क्षेत्र के स्लैग डंप व रेलवे क्षेत्र में हो रही चोरी व अपराध की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए की गयी थी. लगभग तीन वर्षों तक बालीडीह ओपी डालमिया सीमेंट के चहारदीवारी के अंदर संचालित हो रहा था. इस कारण आम लोगों को थाना के काम के लिए काफी परेशानी होती थी.
एसपी वाइएस रमेश के प्रयास से उक्त थाना को सीमेंट फैक्ट्री की चहारदीवारी से बाहर कर एक किराये के मकान में शिफ्ट कर दिया गया. भवन की स्थिति भी काफी खराब है. चीरा चास ओपी एक सामुदायिक भवन में संचालित हो रहा है.
भोजुडीह ओपी का भवन बनकर तैयार, शिफ्ट करने की तैयारी
जिले की ट्रैफिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिये लगभग दस वर्ष पूर्व जिले में ट्रैफिक पुलिस की स्थापना की गयी थी. ट्रैफिक पुलिस में डीएसपी, थानेदार, दारोगा, जमादार की पोस्टिंग की गयी है. दो दर्जन से अधिक महिला व पुरुष पुलिस कर्मी भी कार्यरत है.
इसके बाद भी यहां न तो ट्रैफिक थाना है और न ही ट्रैफिक डीएसपी का कार्यालय है. ट्रैफिक पुलिस नया मोड़ में बने छोटे से एक प्रदूषण केंद्र के कमरा से अपना कार्य संचालित करती है. 15/20 फुट के एक कमरा में ट्रैफिक डीएसपी, थानेदार व मुंशी का कार्यालय है.
बीसीसीएल के आवास में अमलाबाद ओपी
बनगड़िया ओपी की स्थापना 80 के दशक में तलगड़िया मौजा के एक सामुदायिक भवन में की गयी. उसी समय से यह थाना सामुदायिक भवन में संचालित हो रहा है, जबकि अमलाबाद ओपी बीसीसीएल के क्वार्टर में संचालित हो रहा है.
चंदनकियारी के सभी ओपी किराये के मकान में
चंदनकियारी प्रखंड जिले का ग्रामीण क्षेत्र है. यहां दो थाना व चार ओपी हैं. चंदनकियारी का चारो ओपी किराये के मकान में या सामुदायिक भवन में संचालित हो रहा है. जर्जर भवन में डर-डर कर पुलिस कर्मी काम कर रहे हैं. पानी बिजली की भी उचित व्यवस्था नहीं है. प्रखंड में चंदनकियारी थाना और सियालजोरी थाना के अलावा बनगड़िया ओपी, अमलाबाद ओपी, बरमसिया ओपी और भोजुडीह ओपी के पास अपना भवन नहीं है.

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