महुआटांड़ : गोमिया प्रखंड अंतर्गत अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र सियारी के ग्राम धमधरवा (जिनगा व कपसा बाबा पहाड़ी के बीच) स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संचालन की स्थिति का नजारा बेहद चौंकाने वाला है. यहां संचालित आंगनबाड़ी केंद्र (307) में नौनिहाल एक पेड़ के नीचे बैठकर क, ख, ग रटते हुए दिखते हैं. छत के नाम पर जमीन से तीन-चार फुट ऊपर एक छोटा तिरपाल है और चारों तरफ से कपड़े की घेराबंदी. दर्री के नाम पर फटा कपड़ा. यहां की सेविका हैं पानपती मुर्मू जो नौनिहालों के बीच ही बैठकर उन्हें ककहरा सिखाती दिखती हैं.
उनके चेहरे पर बदहाल स्थिति में संचालन की पीड़ा झलक रही थी. सेविका से बात करने पर पता चला कि 2007 से यहां आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. 2009 में केंद्र के भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ और 2012 में भवन बन भी गया. लेकिन जमीन यानी फर्श की ढलाई नहीं हुई. जिससे निर्माण अधूरा भी रह गया. फिर भी हैंड ओवर होने से बड़ी राहत मिलती लेकिन अभी तक हैंड ओवर नहीं होने की वजह से स्थिति सभी के सामने है.
ग्रामीणों ने बताया कि पदाधिकारियों को कई बार समस्या के समाधान की ओर ध्यान आकृष्ट कराने पर भी कोई सुनवाई होती नहीं दिखी.
विधायक ने ली सुध
एक कार्यक्रम में गांव पहुंचीं गोमिया विधायक बबीता देवी व पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद की नजर जैसे ही कार्यक्रम स्थल के समीप सड़क किनारे आंगनबाड़ी केंद्र की बदहाल स्थिति पर पड़ी तो वहीं रुक गये. दोनों ने निरीक्षण करते हुए सेविका और ग्रामीणों से मामले की जानकारी ली और भरोसा दिया कि उन्होंने मामले को अपने संज्ञान में ले लिया है. उपायुक्त बोकारो से बात कर हर हाल में समाधान करेंगे.
विधायक व पूर्व विधायक ने रघुवर सरकार को जमकर कोसा. कहा कि केंद्र व राज्य सरकार अपनी नीतिगत योजनाओं के प्रति कितनी जवाबदेह है, यहां देखने से पता चलता है. सरकार को ऐसी महत्वपूर्ण योजनाओं के संचालन की स्थिति की समीक्षा कर कमियों को दुरुस्त करने पर ध्यान देना चाहिए.