उपायुक्त ने किया था शो कॉज
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मुखिया ने पति को ही बना दिया अभिकर्ता
उपायुक्त ने किया था शो कॉज बोकारो : काम की आपाधापी व पैसा कमाने की लालच में जनप्रतिनिधि कानून को धता बता रहे हैं. ताजा मामला चास प्रखंड के उकरीद पंचायत का है. उकरीद पंचायत के मुखिया समीना खातून ने विकासात्मक कार्य को कराने के लिए अपने पति फारूक को ही अभिकर्ता बना दिया. इतना […]
बोकारो : काम की आपाधापी व पैसा कमाने की लालच में जनप्रतिनिधि कानून को धता बता रहे हैं. ताजा मामला चास प्रखंड के उकरीद पंचायत का है. उकरीद पंचायत के मुखिया समीना खातून ने विकासात्मक कार्य को कराने के लिए अपने पति फारूक को ही अभिकर्ता बना दिया. इतना ही नहीं फारूक ने अभिकर्ता के रूप में काम भी कराया व अग्रिम राशि आदि की निकासी भी की. मामला मुख्यमंत्री जन संवाद में शिकायत मिलने के बाद डीसी मृत्युंजय कुमार बरनवाल की संज्ञान में आया. इसके बाद मुखिया से इस संबंध में शो कॉज किया था. मुखिया के शो कॉज का जबाब दिया है. अपनी गलती स्वीकार की है. अब प्रशासन द्वारा मुखिया पर कार्रवाई की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
क्या है मामला : मुख्यमंत्री जन संवाद में 12 जुलाई 2017 को किसी ने उकरीद पंचायत के मुखिया, पंचायत सचिव व कनीय अभियंता पर गड़बड़झाला का आरोप लगाते हुए आरोपित किया कि मुखिया द्वारा उकरीद स्थित पंचायत भवन के जीर्णोद्धार का काम कराया गया है. इसमें मुखिया के पति अभिकर्ता बनाये गये हैं. काम आधा-अधूरा कराने व राशि की बंदरबांट करने का भी आरोप है. इसमें एक योजना चहारदीवारी निर्माण का है, जो 2 लाख 90 हजार 600 रुपये का है. निर्माण कार्य दो लाख 35,200 व मरम्मत का कार्य दो लाख 53 हजार 800 रुपये का है.
जांच में निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने की पुष्टि
डीसी के निर्देश पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी देवनीश कीड़ो ने मामले की जांच की. इसमें यह बात सामने आयी है कि मुखिया पति ने 14 वें वित्त आयोग के वित्तीय वर्ष 2016-17 में तहत उकरीद के पंचायत भवन का जीर्णोद्धार व चहारदीवारी का कार्य किया है. जांच रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने का मामला है. सरकारी नियमानुसार मुखिया के किसी रिश्तेदार को योजना में कार्यकारी एजेंसी के रूप में नहीं रखा जा सकता है. जबकि इस योजना में मुखिया के पति द्वारा ही कार्य संपादित किया गया है.
मुखिया ने पति को अभिकर्ता बनाने के मामले में पूछे गये स्पष्टीकरण का जवाब दिया है. अब इस संबंध में संबंधित पदाधिकारियों के साथ विचार विमर्श करने के बाद अगली कार्रवाई की जायेगी.
मृत्युंजय कुमार बरनवाल, डीसी, बोकारो
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