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सेफी काउंसिल व सेल-सेफी मीटिंग में भाग लेकर लौटे बोसा अध्यक्ष एके सिंह, कहा

अधिकारियों के वेज रिवीजन में अफोर्डिबिलिटी क्लॉज हटाने के लिए प्रयास जारी बोकारो : नयी दिल्ली में 21 व 22 दिसंबर को हुई सेफी काउंसिल मीटिंग और सेल-सेफी मीटिंग में अधिकारियों की लंबित मांगों को लेकर चर्चा हुई है. वेज रिवीजन में अफोर्डबिलिटी क्लॉज हटाने के लिए हरसंभव प्रयास करने की बात की गयी. इसके […]

अधिकारियों के वेज रिवीजन में अफोर्डिबिलिटी क्लॉज हटाने के लिए प्रयास जारी

बोकारो : नयी दिल्ली में 21 व 22 दिसंबर को हुई सेफी काउंसिल मीटिंग और सेल-सेफी मीटिंग में अधिकारियों की लंबित मांगों को लेकर चर्चा हुई है. वेज रिवीजन में अफोर्डबिलिटी क्लॉज हटाने के लिए हरसंभव प्रयास करने की बात की गयी. इसके लिए पॉलिटिकल कनेक्टिविटी बढ़ायी जा रही है. यह बातें बैठकों से भाग लेकर लौटे बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन (बोसा) के अध्यक्ष एके सिंह ने मंगलवार ‘प्रभात खबर’ से बातचीत में कही. उन्होंने कहा कि दिल्ली दौरे के दौरान कई सांसदों से मुलाकात कर उन्हें अफोर्डबिलिटी क्लॉज के कारण अधिकारियों को हो रहे परेशानी से अवगत कराया गया.
स्टील मिनिस्ट्री से जल्द ही पेंशन इश्यू का भी समाधान होने की संभावना है. सेफी काउंसिल मीटिंग में अधिकारियों की लंबित डिमांड को पूरा करने की रणनीति बनायी गयी गयी. अधिकारियों की लंबित मांगों को पूरा कराने के लिए बोसा व सेफी तत्पर है. बीएसएल सहित सेल अधिकारियों की प्राइड व डिग्निटी सबसे महत्वपूर्ण है. चुनाव से पहले किये वादों को पूरा करने की दिशा में हर संभव प्रयास किया जायेगा.
श्री सिंह ने बताया कि पेंशन का मामला स्टील मंत्रालय के पास लंबित है.
कंपनी की ओर से तीन प्रतिशत कंट्रीब्यूशन की बात हो रही है. लेकिन, एसोसिएशन नौ प्रतिशत मांग कर रहा है. 2008-10 बैच के कनीय अधिकारी वेतन विसंगति से जुझ रहे हैं. सेल अध्यक्ष के सामने इस मामला को जोरदार तरीका से उठाया गया. तय वेतन 29 दिसंबर 2015 की जगह एक जनवरी 2012 के हिसाब से देने की मांग की गयी. इसके अलावा लीव इंकैशमेंट, यूनिफॉर्म लीव पॉलिसी, एक्जीक्यूटीव के लिए ड्रेस कोड, फरवरी 14 बैच के अधिकारी का प्रमोशन समेत अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गयी है. नये वर्ष 2018 में कई लंबित मांगें पूरी होने की संभावना है.
इन पर हुई चर्चा
थर्ड पीआरसी को लागू करना
पीआरपी पेमेंट में सुधार
पेंशन स्कीम
इएल एनकैशमेंट, एचआरए, प्रोडक्शन इंसेंटिव, हार्डशिप अलाउंस
2008-10 बैच के अधिकारियों की वेतन विसंगति
यूनिफाॅर्म लीव पॉलिसी
पैटरिनटी लीव
ड्रेस कोड
फरवरी 2014 बैच का 100 प्रतिशत प्रमोशन
डॉक्टर्स के रिटायरमेंट उम्र को 65 साल करना
पे-रिविजन को लेकर सांसद पीएन सिंह ने पीएम को लिखा पत्र
श्री सिंह ने बताया कि पे-रिविजन की मांग लंबे समय से हो रही है. सेल प्रबंधन की ओर से डीपीइ सर्कुलर के तहत अधिकारियों के वेतन रिविजन की बात कही जा रही है. अफॉर्डबिलिटी क्लाॅज के तहत फायदा में रहने वाली पीएसयू के अधिकारी का वेतन ही बढ़ेगा. इसका विरोध किया जा रहा है. इसके लिए कई सांसद व मंत्री से भी मामला में हस्तक्षेप करने की बात कही जा रही है. धनबाद सांसद पीएन सिंह, सांसद जगदंबिका पाल, केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत, सांसद मनोज तिवारी ने मामला को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. हमारी मांग अंतिम 10 साल में से बेस्ट तीन का चयन करने का है,
जबकि क्लाॉज में अंतिम पांच वर्ष में से तीन के चयन की बात कही जा रही है.
बोकारो : बोकारो इस्पात कामगार यूनियन (एटक) ने मंगलवार को मजदूरों की मांगों के समर्थन में बीएसएल के एडीएम भवन के समक्ष प्रदर्शन किया. यूनियन नेता व मजदूर नया मोड़ से एडिएम भवन जुलूस की शक्ल में पहुंचे. उन्होंने प्रबंधन की नीति के खिलाफ नारेबाजी कर इस्पात मजदूरों का वेज रिवीजन जल्द करने व ठेका मजदूरों को समान काम के लिए समान वेतन का भुगतान करने की मांग की. प्रदर्शन के बाद गांधी चौक पर सभा की गयी. यूनियन के महामंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार व बोकारो में बीएसएल प्रबंधन मजदूर विरोधी नीतियों पर काम कर रहे है. बीएसएल प्रबंधन सरकार के नक्शे कदम पर चलते हुए मजदूरों की सुविधाओं में कटौती कर रही है. पीआरसी की अनुशंसा सार्वजनिक क्षेत्र के मजदूरों के साथ धोखा है. मजदूरों का वेज रिवीजन एक जनवरी 2017 से लंबित है. एक साल में एनजेसीएस की एक भी बैठक ना होना मजदूरों को आंदोलन करने के लिए बाध्य किया है. सेल के मजदूरों की छुट‍्टी के बदले मिलने वाला पैस भी प्रबंधन ने बंद कर रखा है. मिलने वाली सुविधा बेहाल स्थिति में है. बीजीएच में मजदूरों व उनके आश्रितों के इलाज में कोताही बरती जा रही है. डॉक्टर व पारा मेडिकल की कमी का रोना रोया जा रहा है. झानसे प्रमुख गुलाब चंद्र ने कहा कि ठेका मजदूर जो प्लांट के उत्पादन से लेकर अनुरक्षण तक काम में अपनी पूरी ईमानदारी से उत्पादन को बढ़ाने में लगे हुए है. परंतु प्रबंधन व ठेकेदार दोनों मिलकर मजदूरों का शोषण कर रहे है. मजदूरों को मिनिमम वेज 18 हजार रुपया व सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है. कहा कि जब तक वेज रिवीजन नहीं हो पाता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा. मौके पर एके अहमद, वीके राम, आरए सिंह, ब्रजेश, लहड़ी, एचजी राय, कृष्णा, बिंदानी, प्राण सिंह, एसपी सिंह, पप्पू, एमए अंसारी, आरएस डे, राजीव, परशुराम शर्मा, परबेस कुमार, अबु नसर आदि मौजूद थे.

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