बोकारो : सेक्टर पांच चिन्मय विद्यालय के सभागार में रविवार को अंतर विद्यालय संस्कृत समूह गान प्रतियोगिता हुई. आयोजन राष्ट्रीय संस्कृत प्रसार परिषद व संस्कृत भारती के संयुक्त तत्वावधान में हुआ. उद्घाटन वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मुख्य अतिथि स्वामिनी संयुक्तानंद, विशिष्ट अतिथि जिला शिक्षा पदाधिकारी महीप कुमार सिंह, एएसपी अभियान संजय कुमार, एचएससीएल के पूर्व इडी रामाधार झा, बीएसएल के पूर्व इडी कमल कांत जैन, सेवा भारती के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी, उप महाप्रबंधक बीएसएल अरुण कुमार मिश्रा, कृष्णा दास, मधु जैन, संजीव झा, मुन्नी झा ने संयुक्त रूप से किया.
मुख्य अतिथि ने कहा : संस्कृत ज्ञान-विज्ञान आदर्श की देव भाषा है. संस्कृत के अध्यापन में संलग्न शिक्षक ही बच्चों को बेहतर संस्कृत का ज्ञान दे सकते हैं. संस्कृत के सरल प्रभावी शिक्षण होना जरूरी है.
संस्कृत हमें ऊर्जा प्रदान करती है. विशिष्ट अतिथि ने संस्कृत को परम पुरषार्थ अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष को प्रदान करने वाला बताया. सबका कल्याण करने वाली सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने वाली भाषा कहा. संस्कृत को प्रभावी ढंग से पढने व प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया. एएसपी श्री कुमार ने संस्कृत अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए अधिक रोजगार उपलब्ध होने की बात कही. बोकारो व धनबाद के विभिन्न विद्यालयों के 267 प्रतिभागियों ने संस्कृत समूह गान, भाव नृत्य, कूट प्रश्नोत्तरी में हिस्सा लिया. परिणाम की घोषणा संस्कृत भारती के मंत्री रामवचन सिंह ने की.
बताया : अंतर विद्यालयीय संस्कृत समूह गान में प्रथम पुरस्कार डीपीएस बोकारो, द्वितीय पुरस्कार चिन्मय विद्यालय व संयुक्त रूप से तृतीय पुरस्कार क्रिसेंट पब्लिक स्कूल व सरदार पटेल स्कूल को मिला. भाव नृत्य में प्रथम स्थान डीपीएस बोकारो, डीएवी अलकुशा द्वितीय व क्रिसेंट पब्लिक स्कूल तीसरे स्थान पर रहा. निर्णायक के रूप में अमरदीप सिन्हा, श्याम गोस्वामी, डॉ विश्वकांत पाठक, राकेश पांडेय, रंजनी पाढी, अर्चना कुमारी, कावेरी सरकार, डॉ विनय कुमार पांडेय, डॉ रंजीत कुमार झा, डॉ शशिकांत पांडेय ने निर्णय सुनाया. संचालन डॉ विनय कुमार पांडेय ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में जयप्रकाश सिंह, श्याम मंडल, अभिषेक, रोहित रंजन, दीपक सिंह, डॉ आत्मानंद सिंह, किरण सिंह, शशिकांत पांडेय, भारत भूषण, डॉ पीडी चौधरी, डॉ रामनरायण सिंह आदि का सराहनीय योगदान रहा.