बोकारो : झारखंड-बिहार में ‘एजुकेशन हब’ के रूप में विख्यात बोकारो उच्च शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों की जरूरत व अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर पाता. राज्य से बाहर के संस्थानों का नाम रोशन करनेवाले छात्रों के गौरव से बोकारो वंचित रह जाता है. एजुकेशन हब के रूप बोकारो की यह स्थिति निजी क्षेत्र के कारण बनी है. इसमें सरकारी तंत्र का कोई सहयोग नहीं. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के प्रयास की जरूरत है, जो सिरे से गायब है. जन-प्रतिनिधि व सरकारी तंत्र ने इस दिशा में कभी गंभीर प्रयास नहीं किया.
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उच्च शिक्षा की चाह में एजुकेशन हब से कूच कर जाती है प्रतिभा
बोकारो : झारखंड-बिहार में ‘एजुकेशन हब’ के रूप में विख्यात बोकारो उच्च शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों की जरूरत व अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर पाता. राज्य से बाहर के संस्थानों का नाम रोशन करनेवाले छात्रों के गौरव से बोकारो वंचित रह जाता है. एजुकेशन हब के रूप बोकारो की यह स्थिति निजी क्षेत्र के […]
सिर्फ होती रही है घोषणा : मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की घोषणा तो लगातार होती रही है, पर घोषणा कभी जमीन पर उतरी नहीं. उच्च शिक्षा की चाह में बोकारो से करोड़ों रु प्रतिमाह दूसरे राज्यों में चले जाते हैं. हर साल बोकारो में मेडिकल कॉलेज खुलने की चर्चा होती है. जीजीइएस सोसायटी की निजी दिलचस्पी के कारण चास प्रखंड के कांड्रा में एक इंजीनियरिंग कॉलेज चल रहा है.
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