कोर्ट ने महिला की सहमति से उसे पति कमलेश कुमार सिंह को साैंप दिया. चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए वरीय अधिवक्ता एमएम पॉल को प्लीडर कमिश्नर बनाते हुए महिला की काउंसलिंग करने का निर्देश दिया. इसके बाद श्रीमती पॉल ने महिला से पूरी जानकारी हासिल की. उसके बाद खंडपीठ को बताया कि वह अपने पति के पास जाना चाहती है. खंडपीठ ने पूछा कि आप पति के पास जायेंगी, तो उसने हां में जवाब दिया. इसके पहले कहां थी.
उसने बताया कि वह अपने पिताजी के पास थी. मां के बीमार होने के बाद उसे अपने साथ ले गये थे. प्रार्थी के ससुर जवाहर सिंह पर आरोप था कि वह जबरन अपनी पुत्री को अपने पास रखे हुए हैं आैर उसे ससुराल नहीं भेज रहे हैं. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता निलेंदु कुमार ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि रामगढ़ निवासी कमलेश सिंह ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर की है. उनका कहना है कि रामगढ़ निवासी युवती से 22 अगस्त 2008 को उनकी शादी हुई थी. शादी के कुछ दिनों बाद ही पत्नी अपने पिता के पास रहने लगी.