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मृत अधिवक्ता के परिजन को पांच लाख भुगतान का आदेश

मामला चरही के पास सड़क दुर्घटना में घायल अधिवक्ता को समय पर इलाज की सुविधा नहीं मिलने का जनहित याचिका के निष्पादन के बाद सरकार को पांच लाख रुपये आैर भुगतान करना होगा रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को सड़क दुर्घटना में घायल अधिवक्ता की मौत को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. […]

मामला चरही के पास सड़क दुर्घटना में घायल अधिवक्ता को समय पर इलाज की सुविधा नहीं मिलने का
जनहित याचिका के निष्पादन के बाद सरकार को पांच लाख रुपये आैर भुगतान करना होगा
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को सड़क दुर्घटना में घायल अधिवक्ता की मौत को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने राज्य सरकार के जवाब को अपर्याप्त बताते हुए अंतरिम राहत के ताैर पर मृत अधिवक्ता के परिजन को पांच लाख रुपये भुगतान करने का आदेश दिया.
कहा गया कि भुगतान 15 दिनों में सुनिश्चित करें. साथ ही खंडपीठ ने कहा कि जनहित याचिका के निष्पादन के बाद सरकार और पांच लाख रुपये बतौर मुआवजा परिजन को भुगतान करेगी. मामले की अगली सुनवाई पांच मई को होगी़
अब तक सरकार द्वारा मुआवजा नहीं दिये जाने को लेकर खंडपीठ ने अपने स्तर से मुआवजा भुगतान करने का आदेश दिया. खंडपीठ ने घटना स्थल पर समय पर पुलिस के नहीं पहुंचने के मामले में पूछा कि इसके लिए काैन जिम्मेवार है. जिम्मेवार अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी है. अधिकारियों की उदासीनता के कारण इसमें विलंब हो रहा है. इससे पूर्व एमीकस क्यूरी वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार कश्यप व हेमंत सिकरवार ने पक्ष रखा.
उल्लेखनीय है कि चरही के पास राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर सड़क दुर्घटना में हाइकोर्ट के अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार गंभीर रूप से घायल हो गये थे. समय पर इलाज की सुविधा नहीं मिल पायी. पुलिस भी विलंब से पहुंची. बाद में हजारीबाग अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी माैत हो गयी. मामले को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया.

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