रांची: नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में जानेवाले झारखंड के छात्रों के साथ मारपीट की घटना पर विधानसभा ने चिंता जतायी है. संज्ञान लिया है. स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता ने शनिवार को झामुमो विधायक जगन्नाथ महतो के सवाल पर नियमन दिया कि दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए जानेवाले झारखंड के छात्रों और नौजवानों के साथ मारपीट की घटनाओं पर राज्य की ओर से कड़ा निंदा प्रस्ताव भेजा जाये.
बिहार का मामला उठा : जगन्नाथ महतो ने बिहार में नौकरी ज्वाइन करने गये एक युवक साथ मारपीट की घटना सदन में उठायी. इसके बाद सदन में स्थानीयता का मामला गरमा गया. झामुमो के विधायक जगन्नाथ महतो, विद्युत वरण महतो, हेमलाल मुरमू और बंधु तिर्की वेल के अंदर आ गये. विधायकों का कहना था कि यहां की नौकरी बाहरी लोग लूट रहे हैं. झारखंड के अभ्यर्थियों को बाहर पीटा जा रहा है और यहां जेपीएससी में बाहरी लोगों को शामिल किया जा रहा है.
स्थानीय नीति लागू करने की मांग : सदन में हेमलाल मुरमू ने कहा : सरकार अविलंब स्थानीय नीति लागू करे. बंधु तिर्की ने कहा कि यहां की नौकरियां आदिवासी-मूलवासी से छीनी जा रही हैं.
सत्ता पक्ष के विधायकों को शांत करते हुए स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता ने कहा : स्थानीयता पर सरकार फैसला लेगी. 25 को बैठक बुलायी है. झामुमो विधायक जगन्नाथ महतो का कहना था कि ठीक है, लेकिन यहां के युवकों की पिटाई हो रही है, उसका क्या होगा. झाविमो विधायक फूलचंद मंडल ने भी स्थानीयता नीति का समर्थन किया. उन्होंने कहा : बिहार सरकार ने 1982 में एक आदेश जारी किया था. इसमें 1932 के खतियान के आधार पर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में नौकरी देने की बात कही थी. इसे झारखंड में क्यों नहीं लागू किया गया. यहां के युवक कहां जायेंगे. स्थानीयता पर बहस के दौरान जगन्नाथ महतो और सीपी सिंह में हल्की नोक -झोंक भी हुई. सीपी सिंह का कहना था कि ऐसी बातें कर सामाजिक समरसता तोड़ने की कोशिश हो रही है.