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सरकार चाहे कुछ भी कर ले, भैया हम तो वही करेंगे, जो हमें ठीक लगता है

शहर की छवि बदलने में जुटे सरकार और नगर निगम, लेकिन लोगों का सोच नहीं बदला ‘स्वच्छ सर्वेक्षण-2017’ में रांची को टॉप-20 में शामिल कराने के लिए राज्य सरकार और रांची नगर निगम जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. राजधानी रांची साफ-सुथरी दिखे इसके लिए सफाई और जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हैं, सड़कें चौड़ी […]

शहर की छवि बदलने में जुटे सरकार और नगर निगम, लेकिन लोगों का सोच नहीं बदला
‘स्वच्छ सर्वेक्षण-2017’ में रांची को टॉप-20 में शामिल कराने के लिए राज्य सरकार और रांची नगर निगम जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. राजधानी रांची साफ-सुथरी दिखे इसके लिए सफाई और जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हैं, सड़कें चौड़ी की जा रही है, अतिक्रमण हटाये जा रहे हैं, सार्वजनिक शौचालय बनवाये जा रहे हैं और जो लोग शौचालय नहीं बनवा पा रहे हैं, उन्हें आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि खुले में शौच से शहर की छवि खराब न हो. हालांकि, कुछ लोगों को इसकी रत्ती भर भी परवाह नहीं है. वे तो यही सोचते हैं कि सरकार चाहे कुछ भी कर ले, हम तो वही करेंगे जो हमें ठीक लगता है.
रांची : केंद्र सरकार ने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत देश को खुले में शौच मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. केंद्र सरकार ने इसके लिए सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि इसके लिए वे जरूरी कदम उठायें. लोगों को जागरूक करें. साथ ही साथ अगर कोई व्यक्ति शौचालय निर्माण करने की स्थिति में नहीं है, तो उसे आर्थिक सहायता देकर उसके घर में शौचालय का निर्माण कराया जाये.
केंद्र सरकार के आदेश के बाद रांची नगर निगम ने राजधानी में भी पिछले एक साल में 34 हजार से अधिक लाभुकों को शौचालय निर्माण की राशि उपलब्ध करायी है. इसके बावजूद खुले में शौच जाने की आदत पर रोक नहीं लग रही है. शहर के खुले मैदानों व नालियाें के किनारे व झाड़ियों में प्रतिदिन लोग सुबह का सूरज उगने के साथ ही कतार लगा कर बैठ जा रहे हैं. शहरवासियों के इस हरकत से निगम व सरकार के आलाधिकारी भी सोच में पड़ गये हैं कि आखिर अब कदम उठायें भी तो क्या कदम उठायें?
शौचालय बनाने के लिए किस्तों में दी जाती है राशि
शौचालय निर्माण के इच्छुक लाभुक को रांची नगर निगम 12 हजार रुपये की सहायता राशि देता है. सहायता राशि की पहली किस्त के रूप में छह हजार रुपये शौचालय निर्माण से पहले दिये जाते हैं. वहीं शेष छह हजार रुपये दूसरी किस्त के रूप में शौचालय का निर्माण पूरा होने पर मिलते हैं.
एक साल से चल रहा जागरूकता अभियान
लोग खुले में शौच करने न जायें इसको लेकर रांची नगर निगम द्वारा पिछले एक साल से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत नुक्कड़ नाटक, पंफलेट, गीत व नृत्य के माध्यम से लोगों से अपील भी की जा रही है कि वे खुले में शौच करने न जायें. हालांकि, निगम के इस अभियान का असर भी लोगों पर नहीं दिख रहा है.
2000 अंकों की होगी प्रतियोगिता:स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 की रैंकिंग प्रतियोगिता कुल 2000 अंकों की है. केंद्र सरकार द्वारा हायर की गयी एजेंसी क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया की टीम रैंडमली फोन करके शहर के लोगों से स्वच्छता से जुड़े सवाल पूछेगी.
ये सवाल पूछेगी टीम :-क्या आपको पता है कि आपका शहर स्वच्छता सर्वेक्षण-2017 में भाग ले रहे 500 शहरों में शामिल है?- पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष की सफाई व्यवस्था को आप कैसा आंकते हैं?- पिछले वर्ष के तुलना में इस वर्ष शौचालयों की संख्या बढ़ी है या नहीं? – अगर बढ़ी है तो इन शौचालयों की स्थिति बेहतर है या नहीं?- पिछले वर्ष के तुलना में इस वर्ष डस्टबीन की संख्या बढ़ी है या नहीं?
जितने भी लोगों ने शौचालय निर्माण का आवेदन नगर निगम को दिया था, उन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए लाभुकों के बैंक खाते में राशि उपलब्ध करायी गयी है. इसके बावजूद लोग अगर खुले में शौच करने जा रहे हैं, तो नगर निगम क्या कर सकता है. हमने तो लोगों को जागरूक करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है.
प्रमोद भट्ट, नोडल पदाधिकारी, स्वच्छ भारत मिशन, रांची नगर निगम

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