रांची: साइबर पीस फाउंडेशन की ओर से बुधवार को चेंबर भवन में साइबर क्राइम जागरूकता के विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सीआइडी के एडीजी एसएन प्रधान मौजूद थे.
उन्होंने कहा: झारखंड में कई बड़े और छोटे व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं. हाल के दिनों में जिस तरह के साइबर क्राइम से संबंधित मामले सामने आ रहे हैं, उससे साफ है कि व्यवसायियों के पर्सनल डिटेल पर साइबर अपराधियों की नजर है.
ऐसी स्थिति में व्यवसायियों को अपने पर्सनल डिटेल को सुरक्षित रखने की जरूरत है. एडीजी ने कहा : जब कोई व्यक्ति साइबर क्राइम का शिकार होता है और थाने में शिकायत के लिए पहुंचता है, तब पुलिस भी शिकायतकर्ता की बात सुनने के बजाय टाल-मटोल करती है. पुलिस ऐसा इसलिए करती है क्योंकि उसे साइबर क्राइम की चुनौतियों से निबटने की ट्रेनिंग नहीं मिली है. पुलिस के पास संसाधन का अभाव है. जोनल आइजी एमएस भाटिया ने भी इस दौरान अपनी बातें रखीं. साइबर पीस फाउंडेशन के विनीत कुमार ने प्रतिनिधियों को बताया कि व्यवसायियों को अपने बैंक अकाउंट, डिजिटल सिगनेचर आदि से संबंधित कोई जानकारी इंटरनेट में सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए. कार्यक्रम में अरुण बुधिया, पवन शर्मा, रतन मोदी और पूनम आनंद समेत अन्य लोग मौजूद थे.