रांची: राज्य के चार विश्वविद्यालयों में कुलपति (वीसी) व एक विश्वविद्यालय में प्रतिकुलपति (प्रोवीसी) की नियुक्ति कब तक होगी, इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है. 25 जनवरी 2014 को कुलपति नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी ने लगभग 60 उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया.
28 जनवरी 2014 तक सर्च कमेटी ने प्रत्येक पद पर तीन नामों के साथ कुल 15 नामों का पैनल राजभवन भेज दिया, लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं हो सकी है. नियुक्ति पर अंतिम मुहर राज्यपाल सह कुलाधिपति को लगानी है.
राज्य की मानव संसाधन विकास मंत्री गीताश्री उरांव ने सर्च कमेटी व पूरी नियुक्ति प्रक्रिया को ही गलत करार देकर इस मामले को पेचीदा बना दिया है. राज्यपाल के अस्पताल से स्वस्थ होकर रांची लौटने पर मंत्री ने उनसे मिल कर अपने इस विचार से अवगत करा दिया है. हालांकि सर्च कमेटी का गठन राज्यपाल ने छह माह पूर्व ही कर दिया था.
इस कमेटी के अध्यक्ष झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डीएन पटेल तथा सदस्य के रूप में राज्य के मुख्य सचिव आरएस शर्मा, शिक्षाविद डॉ एए खान व राज्यपाल के प्रधान सचिव आरएस पोद्दार को शामिल किया गया. इसके बाद राज्यपाल दिल्ली कांफ्रेंस में भाग लेने गये और 15 फरवरी को ही वापस लौट आये.गौरतलब है कि सिदो-कान्हू मुरमू विवि व विनोबा भावे विवि में अगस्त/सितंबर 2013 से कुलपति के पद खाली हैं. नीलांबर-पीतांबर विवि व कोल्हान विवि में नवंबर 2013 से ही पद खाली हैं. इनमें प्रमंडलीय आयुक्त कामकाज देख रहे हैं.
सिर्फ रूटीन कार्य ही निबटाये जा रहे हैं. कुलपति की नियुक्ति के लिए लोगों की निगाहें राजभवन पर टिकी हुई हैं. लोकसभा चुनाव की तिथि की घोषणा होने और आचार संहिता लागू हो जाने पर इसमें अड़चन आ सकती है.