रांची:सेलिब्रिटी क्रिकेट लीग (सीसीएल) में रविवार को भोजपुरी दबंग का मुकाबला चेन्नई राइनोज से होगा. इसके लिए दोनों टीमें रांची पहुंच चुकी हैं. जेएससीए स्टेडियम में यह मुकाबला रात सात बजे से होगा. भोजपुरी दबंग टीम के कप्तान मनोज तिवारी हैं, जबकि चेन्नई राइनोज के कप्तान विशाल हैं. दोनों टीमें पूरी फॉर्म में हैं और यह मैच जीतनेवाली टीम सेमीफाइनल में प्रवेश करेगी. इससे पहले दोपहर तीन बजे से बंगाल टाइगर्स की भिड़ंत केरला स्ट्राइकर्स से होगी. यह जानकारी भोजपुरी दबंग के जनसंपर्क पदाधिकारी रंजन सिन्हा ने दी.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
मैच के दौरान सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गयी है. इसको लेकर दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति भी कर दी गयी है. मैच के दौरान स्टेडियम में अस्त्र-शस्त्र, बोतल, पटाखा, ट्रांजिस्टर, कैमरा, झोला, फेंकने लायक सामान, फल, अंडा, सिगरेट, खैनी व अन्य आपत्तिजनक सामग्री लेकर न जायें. सुरक्षा के दृष्टिकोण से होटल रैडिशन ब्लू, होटल बीएनआर चाणक्या समेत कई चौक-चौराहों पर भी दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किये गये हैं.
टीमें रांची पहुंची
इससे पूर्व सीसीएल के मैच खेलने के लिए चेन्नई राइनोज, बंगाल टाइगर्स व केरला स्ट्राइकर्स की टीमें शनिवार को रांची पहुंच गयी. वहीं भोजपुरी दबंग टीम के समर्थक रवि किशन भी रांची पहुंचे. उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज में कहा : भोजपुरी दबंग टीम एह बार विपक्षी टीम के चाप देई. भोजपुरिया दबंग सत्तू पी के आयल बाड़न. कोई माई के लाल हरा नहीं सकत है. महादेव की कृपा बा, जरूर जीत मिली.
भोजपुरी फिल्मों की सुपर स्टार जोड़ी दिनेश लाल यादव निरहुआ और पांखी हेगड़े शनिवार को कोकर स्थित प्रभात खबर कार्यालय पहुंचे. देखा- जाना कि अखबार कैसे निकाला जाता है. इस दौरान उन्होंने दिल की बातें भी साझा की. असल जीवन में भी पति-पत्नी की भूमिका निभा रहे निरहुआ और पाखी भोजपुरी फिल्मों को स्वर्णिम भविष्य देने की कोशिश कर रहे हैं.
निरहुआ बताते हैं कि पहले एक प्रिंट को घूमा-घूमा कर भोजपुरी फिल्मों को रिलीज किया जाता था. अब ऐसा नहीं है. भोजपुरी फिल्मों के पास मार्केटिंग, तकनीकी, संसाधन सब कुछ है. अब भोजपुरी फिल्में सेटेलाइट से भी प्रदर्शित की जा सकती हैं. उनका ऑनलाइन प्रचार किया जा रहा है. असल में भोजपुरी फिल्मों का क्रेज दक्षिण की फिल्मों से ज्यादा है. भोजपुरी फिल्मों को देखनेवाले लोग के बीच हमें दक्षिण के सुपर स्टारों से ज्यादा स्टारडम हासिल है. निरहुआ कहते हैं कि भोजपुरी में बहुत सारे लोग केवल रुपये कमाने के लिए फिल्में बनाते हैं. उनको भोजपुरी की परंपरा से, उसके मूल्यों से कोई लेना-देना नहीं है. वे फिल्मकार थोड़े समय बाद ही गायब हो जाते हैं.
पाखी हेगड़े निरहुआ का समर्थन करते हुए कहती हैं कि पश्चिमी संस्कृति से भोजपुरी फिल्में भी अछूती नहीं हैं. सवाल मूल्यों का है. जरूरत मौलिकता बनाये रखने की है. अच्छी भोजपुरी फिल्मों में समाज के मूल्यों को यथावत दर्शाया जाता है. भोजपुरी की मौलिकता को बनायी रखी जाती है. वह कहती हैं कि ऐसा बिलकुल नहीं है कि भोजपुरी फिल्मों में फूहड़ता परोसी जाती है. दरअसल, भोजपुरी सिनेमा की अच्छी बातों से ज्यादा बुरी बातों को प्रचारित किया जाता रहा है. एक से बढ़ कर एक अच्छी और सामाजिक भोजपुरी फिल्में बनती हैं. दुर्भाग्य से हमें सरकार का कोई सहयोग नहीं मिलता. भोजपुरी फिल्मों की पाइरेटेड सीडी बाजार में बिक रही है. भोजपुरी फिल्में मल्टी प्लेक्स में रिलीज नहीं की जाती है. सिंगल थियेटर में ही भोजपुरी फिल्मों को रिलीज किया जाता है. बावजूद इसके लोग भोजपुरी देखने सिनेमा हॉल पहुंच रहे हैं. भोजपुरी फिल्मों को देख और सराह रहे हैं.
बिग बॉस में हंगामा करने के लिए ढ़ूंढ़े जाते हैं कैरेक्टर : निरहुआ
बिग बॉस के छठे संस्करण के प्रतिभागी रहे दिनेश लाल निरहुआ ने कहा कि बिग बॉस में हंगामा करने के लिए ही कुछ कैरेक्टर ढूंढ़ कर लाये जाते हैं. वहां रहना खुद को साबित करना है. कैमरों के सामने अंदर का आदमी बाहर निकल कर आता है. बिग बॉस-6 में इमाम से अपने रिश्तों को लेकर चर्चित रहनेवाले निरहुआ ने कहा कि घर के अंदर बिगड़नेवाले रिश्ते सुधरते नहीं हैं. बिग बॉस के घर से बाहर निकलने के बाद इमाम से मेरी कभी बात नहीं हुई है. असल में इमाम साइको था. उसके रिश्तेदार ने भी हमें यही बताया था. अब उससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है. इमाम जब जैसा चाहें, जहां चाहें, जो चाहें, करने के लिए स्वतंत्र हैं.