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जेएमएम नेता व झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुधीर महतो का निधन

जमशेदपुरः शहीद निर्मल महतो के छोटे भाई, झामुमो नेता व राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुधीर महतो नहीं रहे. बुधवार रात करीब 9.30 बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. बताया जाता है कि सुधीर महतो बुधवार को अपने साथियों के साथ झारखंड कॉपर मजदूर यूनियन के नेता देवी प्रसाद मुखर्जी के […]

जमशेदपुरः शहीद निर्मल महतो के छोटे भाई, झामुमो नेता व राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुधीर महतो नहीं रहे. बुधवार रात करीब 9.30 बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. बताया जाता है कि सुधीर महतो बुधवार को अपने साथियों के साथ झारखंड कॉपर मजदूर यूनियन के नेता देवी प्रसाद मुखर्जी के बेटे की विवाह पार्टी से हिस्सा लेने घाटशिला गये थे. उनके साथ रामदास सोरेन भी थे.

जमशेदपुर लौटने के दौरान उनकी गाड़ी एनएच न होकर केनाल के रास्ते होकर टेल्को की ओर से आ रही थी. बताया जाता है कि इस दौरान गाड़ी में ही उन्हें हिचकी आयी. इसके बाद उनकी हालत बिगड़ गयी. उनके साथ गाड़ी में मौजूद लोग घबरा गये. उनकी स्थिति को देखते हुए चालक शंभु ने गाड़ी को मऊभंडार स्थित आइसीसी अस्पताल की ओर मोड़ दिया. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

शोक की लहर : घटना की सूचना मिलते ही लोगों में शोक की लहर दौड़ गयी. बड़ी संख्या में लोग आइसीसी अस्पताल पहुंच गये. सुधीर महतो का शव गुरुवार को जमशेदपुर लाया जायेगा. देर रात तक अस्पताल में रामदास सोरेन, विद्युत महतो समेत झामुमो के दूसरे नेता और बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. घटना की सूचना मिलने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन सहित झामुमो के सभी मंत्रियों, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत, खादी बोर्ड के अध्यक्ष जयनंदू ने शोक व्यक्त किया है.

मधु कोड़ा सरकार में बने थे डिप्टी सीएम

जमशेदपुर : कदमा उलियान निवासी स्वर्गीय जगबंधु महतो के पुत्र सुधीर महतो 2006 में मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की सरकार में उप मुख्यमंत्री बने थे. उपमुख्यमंत्री बनने से पहले वे झारखंड विधान सभा में विपक्ष के नेता बने. 1990 में सुधीर महतो ने अपना पहला चुनाव ईचागढ़ विधान सभा से जीता था. 1995 में हुए चुनाव में वे हार गये थे. इसके बाद 2005 में हुए चुनाव में उन्होंने स्थानीय विधायक अरविंद सिंह को पराजित कर फिर से सीट पर कब्जा जमाया था.

8 अगस्त, 1987 को निर्मल महतो की हत्या के बाद उन्होंने राजनीति मे कदम रखा. इससे पहले वे टीएमएच में वे वार्ड ब्वॉय थे. आठ भाई एक बहन के परिवार में सुधीर महतो तीसरे नंबर के थे. सुधीर महतो की चार बेटिया हैं. उनकी पत्नी सविता महतो हैं. दो बेटिया बाहर पढ़ती हैं, दो शहर के स्कूल में पढ़ती हैं. दोपहर को सुधीर महतो ने प्रमोद लाल के भाई के श्रद्ध से लौट कर शहीद निर्मल महतो स्टेडियम में काफी वक्त बिताया. इसके बाद करीब पौने आठ बजे घाटशिला के लिए रवाना हो गये.

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