राज्य के विकास के मुद्दे पर झारखंड के सभी राजनीतिक दल एक हैं. वित्त आयोग से मुलाकात के दौरान सभी दलों ने झारखंड को विशेष राज्य का दरजा देने की मांग की. राज्य के लिए विशेष पैकेज मांगा. केंद्रीय करों में 50 फीसदी की हिस्सेदारी और खनिजों के उपयोग के आधार पर रॉयल्टी मांगी.
रांची: 14 वें वित्त आयोग के साथ शुक्रवार को राज्य के विभिन्न दलों के लोग, व्यवसायी और निकायों के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की. आयोग को राज्य की समस्याओं से अवगत कराया. सभी ने एक सुर से झारखंड को विशेष राज्य का दरजा देने की मांग की. इस मुद्दे पर अलग-अलग विचारधारावाले विभिन्न दल एक मंच पर नजर आये. राजनीतिक दलों ने आयोग से राज्य की स्थिति और आवश्यकता के मद्देनजर विशेष आर्थिक पैकेज दिलाने का आग्रह किया.
रॉयल्टी मांगी : इसके अलावा जनप्रतिनिधियों और उद्योग व व्यापार से जुड़े लोगों ने बिना वैल्यू एडिशन किये खनिजों को राज्य से बाहर ले जाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग रखी. खनन से होनेवाले प्रदूषण सहित अन्य मुद्दों के अलावा राज्य में आधारभूत संरचना की कमी और पिछड़ेपन से निबटने के लिए उचित उपाय करने का आग्रह किया. केंद्रीय करों में 50 फीसदी हिस्सेदारी मांगी. साथ ही खनिजों के उपयोग के आधार पर रॉयल्टी मांगी.
निकाय ने 26,000 करोड़ मांगा
स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों ने आम लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 26,000 करोड़ रुपये के अनुदान की मांग की. पंचायत प्रतिनिधियों ने अपनी समस्याओं का उल्लेख किया. कहा : पेयजल को छोड़ कर किसी भी विभाग ने पंचायतों को पूरी तरह शक्ति का हस्तांतरण नहीं किया है. दूसरे विभागों ने कुछ इस तरह शक्तियों का हस्तांतरण किया है, जिससे पंचायतों को उनका अधिकार नहीं मिल पाया है.
जो मिले
राजनीतिक दल : कांग्रेस, भाजपा, झाविमो, झामुमो, आजसू पार्टी, सीपीएम, सीपीआइ, जदयू व राजद
उद्योग और व्यापार : फेडरेशन चेंबर, झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
निकाय व पंचायत : रांची नगर निगम, दुमका नगर परिषद, साहेबगंज नगर परिषद सहित अन्य. करीब दर्जन भर पंचायतों के प्रतिनिधि
विकास पर सरकार व दलों के सोच एक : आयोग
राजनीतिक दलों, व्यापारियों और निकाय व पंचायत प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान वित्त आयोग ने सभी की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया. आयोग के सदस्यों ने कहा : विभिन्न राजनीतिक दलों के दृष्टिकोण अलग-अलग होने के बाद भी राज्य के विकास के मुद्दे पर सभी का नजरिया एक है. यह काफी महत्वपूर्ण बिंदु है. अच्छी बात है कि सभी राजनीतिक दल और सरकार के सोच लगभग एक हैं. उनकी मांगें एक हैं. आयोग के सदस्यों ने कहा : झारखंड के राजनीतिक दलों की मांगों को रिकॉर्ड में लिया गया. अनुशंसा करते समय इन मांगों पर जरूर ध्यान दिया जायेगा. स्थानीय निकाय अपना बजट जो भी बनाये, इस बात की कोशिश करें कि अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा अपनी आमदनी से जुटायें.