रांची: देश के निजी स्कूलों में भी अब मध्याह्न् भोजन दिया जायेगा. इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. भारत सरकार की मध्याह्न् भोजन योजना के निदेशक गया प्रसाद ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी.
रांची में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा : फिलहाल देश के 196 जिलों में योजना शुरू की जायेगी. इसके तहत एससी, एसटी व अल्पसंख्यक बहुल जिलों को चिह्न्ति किया गया है. झारखंड में फिलहाल 11 जिलों में इसे शुरू किया जायेगा. देश में करीब 54 हजार स्कूलों के लगभग 1.17 करोड़ बच्चों को इसका लाभ मिलेगा. इस पर केंद्र साढ़े सात हजार करोड़ खर्च करेगा. इसके अलावा 25 फीसदी राशि राज्य सरकारों की ओर से दी जायेगी.
रसोइयों का मानदेय बढ़ेगा : उन्होंने बताया : नि:शुल्क शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में नामांकित 25 फीसदी बच्चों को भी मध्याह्न् भोजन का लाभ दिया जायेगा. स्कूलों में खाना बनानेवाली रसोइयों का मानदेय एक हजार से बढ़ा कर दो हजार किया जायेगा. स्कूलों में खाना बनाने के बरतन के लिए अब तक पांच हजार रुपये मिलते थे, इसे बढ़ा कर 15 हजार किया गया है.
महंगाई के अनुरूप बढ़ेगी राशि : निदेशक ने बताया : यह बात सही है कि मध्याह्न् भोजन के लिए दिये जानेवाले कुकिंग कास्ट की राशि कम है. कक्षा एक से पांच के लिए प्रति बच्च 3.51 पैसा व छह से आठ के लिए 5.25 पैसा दिया जाता है. उन्होंने कहा : मध्याह्न् भोजन के कुकिंग कास्ट में महंगाई के अनुरूप बढ़ोतरी होगी. अब तक वर्ष में एक बार कुकिंग कास्ट में बढ़ोतरी होती थी.