रांची: राष्ट्रीय बालिका प्रोत्साहन योजना के तहत छात्राओं को छात्रवृत्ति देने के मामले में झारखंड का प्रदर्शन काफी बेहतर है. इस मामले में झारखंड देश भर में पहले स्थान पर रहा है. केंद्र सरकार ने इसके लिए राज्य सरकार की सराहना भी की है. इस योजना के तहत अब तक राज्य के 25 हजार छात्राओं को छात्रवृत्ति दी गयी है. जबकि 7,702 और छात्राओं को छात्रवृत्ति देने के लिए चिह्न्ति किया गया है.
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय करता है संचालन : योजना का संचालन माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से किया जाता है. इसके लिए डीइओ कार्यालय की ओर से स्कूलों को आवेदन पत्र उपलब्ध कराये जाते हैं.
स्कूल के माध्यम से छात्रएं आवेदन पत्र जमा करती हैं. छात्राओं के नाम से बैंक खाता खोलने की जिम्मेदारी भी स्कूल की होती है. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से छात्राओं के नाम भारत सरकार को भेजे जाते हैं.
क्या है प्रोत्साहन योजना
राष्ट्रीय बालिका प्रोत्साहन योजना बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गयी है. यह योजना पूरी तरह केंद्र प्रायोजित है. इसके तहत कक्षा नौ में पढ़नेवाली एससी-एसटी व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की सभी छात्राओं को तीन हजार रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है.
‘‘योजना के तहत झारखंड में 25 हजार छात्राओं को छात्रवृत्ति दी गयी है. झारखंड इस योजना के तहत सबसे अधिक छात्राओं को छात्रवृत्ति देनेवाले राज्यों में से है. इसके लिए विशेष अभियान चलाया गया था. डीइओ का ग्रुप बना कर अलग-अलग बैठक की गयी थी. इसके लिए केंद्र ने राज्य सराहना भी की है. एहतेशामुल हक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक
मैट्रिक के बाद ही राशि की निकासी
छात्रवृत्ति की राशि सीधे छात्राओं के बैंक खाते में जाती है. छात्रएं राशि की निकासी मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद कर सकती हैं. इसके लिए यह भी आवश्यक है कि छात्र 11 वीं में नामांकन ली हो. छात्रवृत्ति छात्राओं को प्लस टू की पढ़ाई में मदद के लिए ही दी जाती है.