रांची: सरायकेला-खरसावां जिले में अवैध डिपो बना कर ट्रक से कोयला उतारने और उसमें पत्थर / खराब किस्म का कोयला लादने का कारोबार करीब पांच-छह साल से चल रहा है. पहले यह कारोबार सरायकेला-खरसावां जिले की पश्चिम बंगाल से सटती सीमा नीमडीह के आसपास चलता था. वहां पुलिस ने जब कार्रवाई की, तो इसे पहले बुंडू व तमाड़ में शिफ्ट किया गया. रांची के ग्रामीण एसपी द्वारा कार्रवाई करने के बाद इसे कांड्रा इलाके में शिफ्ट कर दिया गया था.
सरायकेला-खरसावां में भी छापामारी होने के बाद अवैध कारोबारी अपना ठिकाना बदलते रहे. कुछ दिन पहले कांड्रा के गिद्दीबेड़ा गांव में अवैध रूप से चल रहे कोयले के कारोबार का भंडाफोड़ हुआ. बताया जाता है कि यह कारोबार मुकेश कुमार उर्फ राजू तिवारी द्वारा संचालित किया जा रहा था. पुलिस ने छापामारी कर जमुई निवासी रमेश कुमार नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. बताया जाता है कि मुकेश बोकारो का रहनेवाला है. पुलिस उसे नहीं पकड़ सकी है.
सूत्रों के अनुसार कोयले का अवैध कारोबार करनेवाले राजू तिवारी की आमदनी प्रतिदिन करीब दो लाख की थी. प्रतिदिन दर्जनों गाड़ियों के कोयले में मिलावट कर उसे कंपनियों में भेज दिया जाता था. वैसे तो पकड़े गये अवैध कारोबार में अभी राजू तिवारी का नाम आ रहा है, पर इसमें और कई लोगों के शामिल होने की संभावना है.
जानकारी के अनुसार गिद्दीबेड़ा में मात्र नौ माह पूर्व तिवारी ने इस कारोबार की शुरुआत की थी. उस समय छोटे स्तर पर शुरू किया गया था, लेकिन मात्र नौ माह में उसका कारोबार प्रतिमाह करोड़ों का हो गया. इससे पूर्व वह चांडिल में अपना कारोबार कर रहा था, लेकिन वहां पर तत्कालीन एसडीपीओ मनोज कुमार चौथे ने कार्रवाई करते हुए कारोबार बंद करा दिया था. श्री चौथे वर्तमान में रांची सिटी एसपी के पद पर कार्यरत हैं. उसी के बाद कांड्रा में उसने अपना कारोबार शुरू कर दिया. यहां पर आये दिन करीब 40 हाइवा व तीन जेसीबी लगा रहता था.