रांची: मंगलवार को हुई नगर निगम बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने सवाल उठाया कि नगर निगम द्वारा दारमोकरी कर के तहत एक एकड़ से अधिक जमीन अपर बाजार में विभिन्न लोगों को दी गयी है. जमीन लेनेवाले इन लोगों ने निगम से यह कह कर जमीन ली थी कि इस जमीन पर वे समाजसेवा का काम करेंगे. इसके लिए निगम ने सभी लोगों से एक रुपया सालाना टैक्स भी निर्धारित किया था. परंतु आज निगम की इस जमीन पर होटल, धर्मशाला व दुकानें खुल गयी हैं.
इन दुकानों से सालाना लाखों का कारोबार हो रहा है. एक धर्मशाला ऐसी भी है, जहां शादी-विवाह के लिए बुक करने पर एक रात का 50 हजार तक शुल्क लिया जाता है. ऐसे में इन भवनों को निगम तत्काल अपने कब्जे में ले. पार्षदों की इस मांग पर निगम सीइओ ने कहा कि उनके नॉलेज में यह नहीं था, परंतु अब ऐसी जमीनों की जांच कर इन पर उचित कार्रवाई की जायेगी.
लॉज का मामला भी उठा : शहर में चल रहे लॉज का मामला भी उठा. निगम सीइओ ने कहा कि अब तक निगम में 350 से अधिक लॉजों का आवेदन जमा हुआ है, जिसमें से 15 को निगम ने लाइसेंस जारी कर दिया है. बिना लाइसेंस के चल रहे लॉज पर होगी कार्रवाई.
डिप्टी मेयर के खिलाफ भड़के पार्षद
बैठक में पार्षदों ने निगम अधिकारियों से मांग की, कि डेढ़ लाख तक के काम विभागीय स्तर से करवाये जायें. इससे विकास योजनाओं में तेजी आयेगी. अधिकारियों ने बताया कि सरकार की तरफ से डेढ़ लाख तक का काम विभागीय स्तर से कराने पर रोक है. इस पर पार्षद भड़क गये. डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय अधिकारियों के जवाब पर आपत्ति जताते हुए बैठक से अपने कुछ समर्थक पार्षदों के साथ निकल गये.
डिप्टी मेयर के निकलने पर महिला पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया. नाराज पार्षदों का कहना था कि जब बैठक में मेयर बैठी हुई हैं, तो फिर डिप्टी मेयर इस तरह कैसे निकल सकते हैं. यह मेयर समेत सभी पार्षदों का अपमान है. इसके बाद कई पार्षद डायस के समक्ष धरने पर बैठ गये. पार्षदों की मांग थी कि डिप्टी मेयर सभी पार्षदों से माफी मांगें. इसके बाद डिप्टी मेयर ने पार्षदों से माफी मांगी.