रांची: नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) ने सोमवार को इंडियन मुजाहिद्दीन (आइएम) के संदिग्ध आतंकी हैदर अली को प्रधान न्यायायुक्त एसएच काजमी की अदालत में पेश किया. न्यायालय ने हैदर को 12 अगस्त तक के लिए पुलिस कस्टडी में जेल भेजने का आदेश दिया. इसमें पांच दिनों तक वह एनआइए के रिमांड पर रहेगा. गौरतलब है कि हैदर को गत मई माह में पुलिस ने कांटाटोली से गिरफ्तार किया था.
कुछ माह पहले हिंदपीढ़ी के इरम लॉज से टाइमर बम, विस्फोटक और आतंकी साहित्य की बरामदगी हुई थी. उस मामले में भी हैदर का नाम सामने आया था. इसके अलावा पटना और बोधगया ब्लास्ट के मामले में भी हैदर की संलिप्तता की जांच हो रही है. सोमवार को न्यायालय में दिल्ली तथा झारखंड पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच हैदर को पेशी के लिए लाया गया था.
इरम लॉज में भी रहता था हैदर
हैदर हिंदपीढ़ी के इरम लॉज में आकर रहता था. यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद आइएम में तहसीन उर्फ मोनू के बाद वह दूसरे नंबर पर था. एनआइए ने उस पर पांच लाख रुपये की इनाम की घोषणा रखी थी. हैदर अक्सर इरम लॉज में आकर रहता था. जब वह बाहर होता था, तो इरम लॉज में रह रहे मुजिबल के संपर्क में वह लगातार रहता था. पटना ब्लास्ट के बाद रांची से गिरफ्तार उज्जैर अहमद ने भी बताया था कि हैदर लगातार रांची आता रहता है.
डोरंडा में सीखी थी अरबी भाषा
हैदर मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले का रहनेवाला है. रांची में पहले वह डोरंडा के मणिटोला में रहता था. उसी मुहल्ले में रहनेवाले किसी व्यक्ति से उसने अरबी भाषा सीखी व धार्मिक जानकारियां हासिल की थी. इसके बाद वह तहसीन उर्फ मोनू के संपर्क में आया और आइएम के लिए काम करने लगा था. पुलिस को उसकी तलाश काफी दिनों से थी. एनआइए ने गुप्त सूचना के आधार पर उसे गिरफ्तार किया था.