हजारीबाग : मांडू और सदर थाना पुलिस की लापरवाही
हजारीबाग : मांडू और सदर थाना पुलिस की लापरवाही सामने आयी है. झारखंड आंदोलनकारियों का केस वापस नहीं हुआ. 16 साल पहले अलग राज्य के लिए बुलाये गये बंद (सदर थाना कांड संख्या 494/98) के दौरान आरोपी बनाये गये 22 आंदोलनकारियों में से तीन को जेल भेज दिया गया.मांडू पुलिस ने 16 जुलाई को हीरालाल महतो (बोंगाहरा), मनोहर ठाकुर और प्रेमनाथ महतो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
क्या है मामला : झारखंड अलग राज्य की मांग को लेकर 30 नवंबर 1998 को झारखंड बंद का एलान किया गया. बंद को सफल बनाने में 22 आंदोलनकारी शामिल थे. घाटो ओपी पुलिस ने 107 के तहत सभी आंदोलनकारियों पर मामला दर्ज किया था. इन आंदोलनकारियों को हिरासत में लेकर मुफस्सिल थाना ले जाया गया था.
उस समय मुफस्सिल थाना प्रभारी राज बली शर्मा ने कहा था कि इतने लोगों को यहां रखने की जगह नहीं है. इसके बाद सभी आंदोलनकारी अपने-अपने घर चले गये थे. बाद में मुफस्सिल थाना प्रभारी ने वेस्ट बोकारो ओपी के हवलदार हशमुद्दीन खान के आवेदन पर सभी को भागने का आरोपी बना कर सदर थाना हजारीबाग में मामला दर्ज कराया. आंदोलनकारियों को पता भी नहीं चला और मामला दर्ज हो गया. आरोप पत्र भी समर्पित हो गया. सभी आंदोलनकारी फरार घोषित कर दिये गये.
सीएम को पत्र, केस वापस लेने की मांग : झाविमो नेता चंद्रनाथ भाई पटेल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस संदर्भ में पत्र भेजा है. कहा है कि मांडू थाना और सदर थाना हजारीबाग ने इन आंदोलनकारियों पर केस की जानकारी सरकार को नहीं दी. उन्होंने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने और सरकार से तत्काल हस्तक्षेप कर 22 आंदोलनकारियों का मामला वापस लेने की मांग की है.